उत्तराखंड को कोरोना से बड़ी राहत, मई में पहली बार 10 से नीचे आया यह आंकड़ा

उत्तराखंड को कोरोना से बड़ी राहत, मई में पहली बार 10 से नीचे आया यह आंकड़ा

हमें न थकना है, न रुकना है … कोरोना के खिलाफ जंग में अब सामूहिक प्रयास तेज हो गए हैं। उत्तराखंड के गांवों में कोरोना पहुंच चुका है पर उससे निपटने के प्रयास भी हो रहे हैं। सरकार के साथ कई सामाजिक संगठनों की मदद से अब अच्छे संकेत मिलने लगे हैं। जी हां, मई में पहली बार उत्तराखंड में संक्रमण की रफ्तार इतनी कम रही है।

उत्तराखंड में कोरोना के नए मामले सघन कंटेनमेंट जोन, कोरोना कर्फ्यू जैसे उपाय करने के कारण तेजी से कम हुए हैं, पर ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। 21 मई को ही 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3626 नए केस आए और 70 लोगों की मौत हो गई है। पिछले कुछ हफ्तों से तुलना करने पर भले ही केस कम लगें पर राज्य की आबादी के हिसाब से यह भी काफी ज्यादा हैं। इसे जीरो तक पहुंचाने के लिए अभी दीर्घकालिक और लगातार उपाय करते रहने होंगे। अच्छी बात यह है कि 24 घंटे में नए केसेज से दोगुने से भी ज्यादा मरीज 8731 ठीक हो गए हैं।

पॉजिटिविटी रेट 9 प्रतिशत से भी नीचे

रिकवरी प्रतिशत 75.84% है। इस समय ऐक्टिव केस 63373 हैं और सैंपल पॉजिटिविटी 6.92% है। इन सब आंकड़ों के बीच एक बड़ी राहत की खबर है। उत्तराखंड में मई के महीने में पहली बार पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से नीचे यानी 8.54% आया है। हालांकि मौतें चिंता का विषय हैं। मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ अनूप नौटियाल के अनुसार, बैकलॉग को मिलाकर देखें तो मौतों का आंकड़ा एक दिन में 116 रहा। यह चिंताजनक स्थिति है।

दरअसल, पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने को गंभीर हालात समझा जाता है। इसके बाद सरकारों को मजबूरन सख्त उपाय करने पड़ते हैं जिससे कोरोना संक्रमण को बेकाबू होने से रोका जा सके। 1 मई को पॉजिटिविटी रेट 16 प्रतिशत, 2 को 21 प्रतिशत तो 7 मई को 26 प्रतिशत पहुंच गया थ। 15 मई को यह आंकड़ा 23 प्रतिशत से ज्यादा था। इसके बाद सख्त लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के चलते यह ग्राफ गिरने लगा और अब 21 मई को यह 9 से भी कम रह गया।

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उधर, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने एक नई टेंशन की ओर इशारा किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि पिछले 5 दिनों में यानी 17 से 21 मई के दौरान उत्तराखंड में कुल 789 लोगों की मौत हुई है। इसमें से 40 प्रतिशत 314 बैकलॉग डेथ हैं। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों को समय पर डेटा शेयर करना चाहिए। सरकार को इस बाबत सख्त होना चाहिए।

हिल मेल फाउंडेशन भी आपके साथ

सरकार के प्रयासों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन, संस्थाएं भी इस दिशा में गंभीर पहल कर रही हैं। जी हां, हिल मेल फाउंडेशन के कार्यकर्ता गांव-गांव घूमकर लोगों को न सिर्फ कोविड व्यवहार के लिए जागरूक कर रहे हैं बल्कि उन्हें कोविड से संबंधित दवाइयां और मास्क आदि भी वितरित कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से फाउंडेशन गांव-गांव लोगों तक पहुंच बना रहा है। कोरोना योद्धाओं को भी मदद पहुंचाई जा रही है। इन सबके प्रयासों का ही नतीजा है कि हम अपने प्रदेश में कोरोना को काबू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही सघन प्रयास जारी रहे तो हम जल्द ही कोरोना पर विजय प्राप्त कर लेंगे।

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