राजधानी देहरादून के साथ उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के हल्द्वानी से जो जानकारी सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। कई जिलों में दर्जनों अवैध मदरसे संचालित हैं। उधम सिंह नगर में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आये है। अकेले उधम सिंह नगर में ही 129 मदरसे अवैध चल रहे हैं। जिसमें हजारों की तादाद में बच्चे पढ़ रहे हैं।
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड में अवैध मजारों के बाद सरकार ने अवैध मदरसों को लेकर अभियान शुरू कर दिया है। प्रदेशभर में अभियान जारी है। सीएम का कहना है कि, चाहे वह अवैध मदरसे हो या अतिक्रमण, उत्तराखंड में ऐसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएग। मदरसों के सत्यापन का कार्य अल्पसंख्यक विभाग देखेगा, जिसके लिए आदेश दे दिए गए हैं। डीएम और एसपी भी सत्यापन अभियान चलाएंगे। जांच के बाद हकीकत आई सामने उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी है। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की एलआईयू यूनिट प्रदेश भर में मदरसों की जानकारी खंगाल रही है।
राजधानी देहरादून के साथ उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के हल्द्वानी से जो जानकारी सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। कई जिलों में दर्जनों अवैध मदरसे संचालित हैं। उधम सिंह नगर में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आये है अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए गए थे। अब हर जिले के जिलाधिकारी इस बारे में शासन को जल्द ही रिपोर्ट सौंपेंगे। अभी जिलाधिकारी के स्तर से जो जानकारियां सामने आई हैं, उसको शासन को भेजना बाकी है। आंकड़ों के मुताबिक, अकेले उधम सिंह नगर में ही 129 मदरसे अवैध चल रहे हैं। जिसमें हजारों की तादाद में बच्चे पढ़ रहे हैं। 2 दिन पहले नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भी जांच के दौरान 26 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते पाए गए। इन मदरसों का ना तो कोई पंजीकरण है और न ही विभाग के पास इनकी कोई जानकारी है। वहीं इन मदरसों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के हैं।
देहरादून के आंकड़े चौंकेने वाले
देहरादून में अब तक 35 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते पाए गए हैं। जिसकी जानकारी शासन-प्रशासन को मिल चुकी है। जिलाधिकारी की तरफ से कराई जा रही जांच के बाद यह जानकारी सामने आई है। देहरादून जिले में पाए गए 35 अवैध मदरसों में 18 मदरसे अकेले विकास नगर क्षेत्र में स्थित हैं। इसके अलावा डोईवाला में 6, कालसी में 1 और देहरादून शहर के आसपास 10 अवैध मदरसे मिले हैं। इन मदरसों में लगभग 3 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। वहीं राजधानी देहरादून में कुल 90 मदरसे मौजूद हैं, जिसमें 9 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं। राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी के मुताबिक, सभी आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे हैं। जो भी गैर पंजीकृत मदरसे चल रहे हैं, उनको तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी छात्र का साल या पढ़ाई बर्बाद ना हो। इस तरह के मदरसों के खिलाफ यूपी में सख्ती के बाद कई मदरसे उत्तराखंड में चलने लगे हैं। अवैध चल रहे इन मदरसों में बच्चे भी यूपी एवं अन्य प्रदेशों के हैं।
पूर्व में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के औचक निरीक्षण में भी देहरादून में इस तरह के कुछ मदरसे मिले थे। तब आयोग ने सभी मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए थे। हल्द्वानी में इन दिनों पुलिस और एलआइयू मदरसों की जांच कर रही है। हल्द्वानी में अभी तक 34 मदरसों की जांच की गई है, जिसमें से 26 मदरसे अवैध मिले है। केवल सात मदरसे ही ऐसे पाए गए है, जो मदरसा दावती इस्लामिक में पंजीकृत है। पुलिस की प्राथमिक जांच में अभी तक जो सामने आया है, उसके मुताबिक अवैध मदरसों में पढ़ने वाले अधिकांश यूपी के अलग-अलग जिलों के है। इस पूरे मामले पर एसएसपी नैनीताल ने बताया कि जिले में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों की जांच शुरू हो गई है। पूर्व में भी जांच कराई गई थी। कई मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय व शासन को भेजी जाएगी।
बता दें कि अवैध मदरसों की जांच के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है। इसके अलावा आईजी और पुलिस प्रवक्ता उत्तराखंड ने प्रदेश भर में मदरसों का वेरिफिकेशन के निर्देश सभी जिलों के एसएसपी को दिए हैं। साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग की भी जांच करने को कहा है। यह भी देखने को कहा गया है कि मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे तो नहीं पढ़ रहे हैं। जिसके बाद हल्द्वानी में मदरसों की जांच की गई। उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों को लेकर सरकार अभियान चला रही है जिस वजह से ज्यादातर मदरसे उत्तराखंड की सीमा पर तराई वाले इलाकों में आ बसे हैं। इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वो जिलाधिकारियों की मदद से इन अवैध मदरसों से जुड़ी जानकारी दें। इसी क्रम में उत्तराखंड के डीजीपी को भी अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
इस समय मदरसा बोर्ड के पास इन अवैध संचालित हो रहे मदरसों से जुड़ी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। जिसके बाद सरकार इसकी खुद जांच कर रही है। इस दौरान मदरसों में कराई जाने वाली पढ़ाई की भी जांच हो रही है कि वो सरकारी मानकों के अनुकूल है भी या फिर नहीं। इस तरह के पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए कई बार मदरसों को सरकारी मदद भी दी जाती है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड इन संस्थानों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी जैसे विषयों के साथ संस्कृत, श्लोक और गीता पढ़ाने का भी दावा करता है। मगर जीमीनी स्तर पर ऐसा कुछ होता हुआ दिखाई नहीं देता है उधम सिंह नगर के एडीएम की तरफ से बताया गया कि उनकी जांच में 129 मदरसे चिह्नित किए गए हैं जोकि अवैध तरीके से चल रहे हैं। वहीं इस तरह की जानकारियां भी सामने आ रही हैं कि पूरे प्रदेश में इस समय तकरीबन 2 हजार मदरसे अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। इसमें दूसरे राज्यों के बच्चे आकर शिक्षा ले रहे हैं। ऐसे में इन पर कई सवाल खड़े होते हैं कि बच्चे इतना दूर आकर क्यों पढ़ रहे हैं, इनकी फंडिंग कौन करता है, खातों में पैसे कौन डालता है? सरकार भी इनसे जुड़ी जानकारियां पाने में जुटी हुई है। इन पर आने वाले समय में सरकार कोई सख्त एक्शन ले सकती है।
लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।
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