महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि वह राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की मुंबई यात्रा के दौरान मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में अपना बाकी बचा जीवन व्यतीत करने की इच्छा व्यक्त की है।”
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि वह राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की मुंबई यात्रा के दौरान मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में अपना बाकी बचा जीवन व्यतीत करने की इच्छा व्यक्त की है।”
उन्होंने कहा, “संतों, समाज सुधारकों और वीर सेनानियों की भूमि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात रही है।” उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल साल से अधिक समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता से जो प्यार और स्नेह मिला है, मैं उसको कभी नहीं भूल सकता हूं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे हमेशा पीएम मोदी से प्यार और स्नेह मिला है और इस बारे में भी मुझे इसी प्रकार की उम्मीद है। मालूम हो कि पीएम मोदी 19 जनवरी को कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए मुंबई में थे।
During the recent visit of the Hon'ble Prime Minister to Mumbai, I have conveyed to him my desire to be discharged of all political responsibilities and to spend the remainder of my life in reading, writing and other activities.
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) January 23, 2023
इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह राज्यपाल बनने के बाद नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि वह सही जगह पर नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा था कि उन्हें खुशी तभी महसूस होती है, जब संन्यासी राजभवन में आते हैं। मालूम हो कि कोश्यारी को सितंबर 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। कुछ समय तक उन्होंने गोवा के राज्यपाल का भी दायित्व निभाया।
कोश्यारी सार्वजनिक जीवन की उस धारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अपने पारंपरिक पहनावे को बरकरार रखा है। वह आज भी धोती-कुर्ता, नेहरू जैकेट और काली टोपी में नजर आते हैं। संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले कोश्यारी सादगी के लिए सराहे जाते हैं। वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वर्ष 2001 से 2002 तक पदभार संभालने के बाद 2002 से 2007 तक राज्य विधानसभा में विपक्ष के शीर्ष नेता रहे। कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को अल्मोड़ा जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की और उसके पश्चात आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में आचार्य की उपाधि प्राप्त की। राज्यपाल बनने के बाद पिछले साल वह दीपावली के अवसर पर पहली बार अपनों के बीच दीपावली मनाने पैतृक गांव नामतीचेटाबगड़ पहुंचे थे।
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