प्राचीन गढ़वाली शैली में होगा माता सीता सर्किट का निर्माण, ‘माता सीता लोक न्यास’ की बैठक में बनी सहमति

प्राचीन गढ़वाली शैली में होगा माता सीता सर्किट का निर्माण, ‘माता सीता लोक न्यास’ की बैठक में बनी सहमति

माता सीता लोक न्यास की बैठक में जिलाधिकारी डाॅ. जोगदंडे ने सीता सर्किट के कार्ययोजना की जानकारी तथा रूट चार्ट से अवगत कराया। इस रूट में रघुनाथ मंदिर देवप्रयाग, विद्याकोटी, सीताकोटी, मुछयाली, जमलाखाल, घुड़दौड़ी, खौलाचोरी, सल्डा, खौलाचोरी और फलस्वाड़ी शामिल होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार ‘माता सीता सर्किट’ के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। पौड़ी जिले के कोट ब्लाक के तहत फलस्वाड़ी गांव में सीता सर्किट बनाया जाएगा। इसके लिए माता सीता लोक न्यास की 28 फरवरी को पौड़ी स्थित सर्किट हाउस में पहली बैठक हुई। इसमें ‘माता सीता लोक न्यास’ के अध्यक्ष एवं उत्तराखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल सूर्य नारायण बाबूलकर ने पौड़ी विधायक मुकेश कोली, जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे एवं संबंधित अधिकारियों के साथ पहली बैठक ली।

बाबूलकर ने कहा कि सीता सर्किट के विकास को लेकर सरकार द्वारा माता सीता लोक न्यास की स्थापना की गई है। इसके लिए बनाई गई समिति में अभी और सदस्यों को जोड़ा जाना है। सीता सर्किट का विकास केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि माता सीता सर्किट के डेवल्प होने के बाद धार्मिक मान्यता के साथ-साथ पयर्टन में भी इसका महत्व बढ़ जाएगा। माता सीता की स्मृतियों से संबंधित प्राचीन स्थलों को विकसित किया जाएगा। साथ ही सीता सर्किट में पड़ने वाले क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा। बाबूलकर ने कहा कि ऐसे अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकें। मंदिर पुननिर्माण का कार्य प्राचीन पहाड़ी नागर शैली के अनुरूप किए जाने पर बल दिया जाएगा। सीता सर्किट को विकसित करने का उद्देश्य लोकमान्यता एवं आस्था को बरकरार रखने के साथ-साथ पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा देना है।

पौड़ी विधायक मुकेश कोली ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर भी जन सहभागिता से एडवाइजरी कमेटी गठित की जाए, जिसमें स्थानीय स्तर के सक्रिय व्यक्ति और विद्वानों को शामिल किया जाए। मंदिर के लिए प्रत्येक घर से एक मुट्ठी मिट्टी, 4/6 का पटाल तथा श्रद्धानुसार सहयोग राशि दी जाएगी। सभी कार्य पहाड़ी शैली के अनुरूप होने चाहिए। माता सीता लोक न्यास की बैठक में जिलाधिकारी डाॅ. जोगदंडे ने सीता सर्किट के कार्ययोजना की जानकारी तथा रूट चार्ट से अवगत कराया। इस रूट में रघुनाथ मंदिर देवप्रयाग-विद्याकोटी-सीताकोटी-मुछयाली-जमलाखाल-घुड़दौड़ी-खौलाचोरी-सल्डा-खौलाचोरी-फलस्वाड़ी शामिल होगा।

बैठक के बाबूलकर ने जिलाधिकारी जोगदंडे एवं संबंधित अधिकारियों के साथ माता सीता मंदिर का स्थलीय निरीक्षण किया।  उन्होंने गावंवासियों से कहा कि कार्ययोजना को तैयार करने में अपना सहयोग, सुझाव देते रहें तथा देहरादून, पौड़ी और फलस्वाड़ी में भी बैठक आयोजित की जाएंगी।

इस अवसर जिलाधिकारी ने कहा कि माता सीता लोक न्यास ट्रस्ट के गठन की कार्यवाही कर दी गई है। पहली बैठक पौड़ी में आयोजित की गई। पहली औपचारिकता मंदिर परिसर के लिए भूमि सर्वेक्षण की है, जिसके लिए पूर्व में बैठक में कुछ सुझाव आए हैं। मंदिर परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए वृहद स्तर पर भूमि की आवश्यकता होगी और यह कार्य आपके सहयोग से ही बहुत जल्द पूर्ण हो पाएगा। प्राचीन गढ़वाली शैली के अनुरूप निर्माण कार्य पर सहमति बनी है। पूरे देश में यह एक आलौकिक भव्य मंदिर कोट ब्लाॅक में बनेगा यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

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