…मिलिए देवभूमि के उन लोगों से जो खास तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में दे रहे योगदान

…मिलिए देवभूमि के उन लोगों से जो खास तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में दे रहे योगदान

कोरोना से जंग में देश का हर शख्स, हर बच्चा, युवा, बुजुर्ग योद्धा है जो अपने-अपने तरीके से इस लड़ाई में भूमिका निभा रहा है। हालांकि कुछ कोरोना योद्धा ऐसे हैं जिनकी दानशीलता, समर्पण भाव, देश और प्रदेश के प्रति सोच ने लोगों को प्रेरित किया है।

इस कोरोना महामारी के दौर में मदद तो सब कर रहे हैं, पर कुछ कोरोना वॉरियर्स ऐसे हैं जिनकी मदद खास है। आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे ही लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने उम्र, अपना भविष्य, बचत की चिंता किए बगैर देश और उत्तराखंड के लिए अपना बहुमूल्य योगदान किया और ये आज लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट ने शादी में पैसे बचाकर दान किए

शादी के बाद वैसे तो लोग पैसे बचाकर अपने सपनों को पूरा करने में लग जाते हैं लेकिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक जांबाज और उनकी पत्नी ने कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया है। जी हां, डामटा के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल में असिस्टेंट कमांडेंट आलोक सिंह नेगी और उनकी पत्नी श्रीमती शिप्रा बिष्ट नेगी ने अपने विवाह के अवसर पर संयुक्त रूप से पुलिस उपाधीक्षक बडकोट के माध्यम से उत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग किया।

51 हजार रुपये का चेक प्रदान करता नवविवाहित जोड़ा।

बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट आलोक नेगी ने अपनी शादी बड़े ही सामान्य तरीके से की और जो बचत हुई उसे कोरोना के खिलाफ जंग में देने का फैसला किया। उनकी शादी 15-16 अप्रैल को तय थी लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें आयोजन निरस्त करना पड़ा। जब कुछ रियायतें मिलीं तो उन्होंने 14 मई को एक सादे समारोह में शिप्रा बिष्ट से शादी की। उनके परिवार के भी कई लोग शादी में शामिल नहीं हो सके पर आलोक ने कहा कि इस समय सबको कानून का पालन करना चाहिए। कोविड-19 से पूरे विश्व में हाहाकार है और कम से कम बाहर निकलना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखें।

85वें जन्मदिन पर 85 हजार रुपये सीएम राहत कोष में दिए 

85 हजार रुपये का चेक ग्रहण करने के बाद मनोहर सिंह रावत का सम्मान करते सीएम रावत।

देवभूमि दानवीरों की धरती है। देहरादून के 85 साल के मनोहर सिंह रावत ने एक बार फिर इसे साबित किया है। उन्होंने अपने 85वें जन्मदिन पर कोरोना के खिलाफ जंग में 85 हजार रुपये का दान किया है। उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 85 हजार की धनराशि का चेक सौंपा। सीएम ने प्रगति विहार रायपुर के रहने वाले पूर्व प्रधानाचार्य मनोहर सिंह की दानशीलता की भावना पर आभार जताया है। सीएम ने शॉल भेंटकर उनका सम्मान किया। इससे पहले भी मनोहर सिंह रावत ने 15 हजार रुपये की धनराशि सीएम राहत कोष में जमा कराई थी।

पढ़ें- CDS रावत बोले, सेना को दर्शनी रौथाण के दान पर गर्व

CM ने ट्वीट कर कहा कि हम प्रदेशवासियों के सहयोग से इस लड़ाई को जीतने में कामयाब होंगे। मैं मनोहर सिंह रावत जी को उनकी इस दानशीलता की सद्भावना के लिए मैं अपने ह्रदय की गहराइयों से आभार प्रकट करते हुए शत-शत नमन करता हूं। मैं आदरणीय मनोहर सिंह रावत जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

गाय-बकरी पालकर पाई-पाई जोड़ी, फिर 40 हजार कर दिए दान

उधर, पिथौरागढ़ के लेलु गांव की 70 वर्षीय बुजुर्ग सरू देवी अपना जीवन यापन गाय, बकरी पालकर करती हैं। लेकिन कोरोना की इस विषम घड़ी में उन्होंने अपनी इस कमाई से पीएम केयर्स फंड में 40,000 रुपये दान दिए हैं।

 

कुछ दिन पहले इसी महीने में अगस्त्यमुनि की बुजुर्ग दर्शनी देवी ने दानवीरता की मिसाल पेश की थी। दर्शनी देवी जी ने कोरोना से लड़ने के लिए अपने जीवनभर की कमाई देश के नाम कर दी थी। उन्होंने पीएम केयर्स फंड में अपनी पेंशन से बचाई 2 लाख रुपये की पूंजी दान में दे दी थी। प्रदेश के सीएम से लेकर देश के कई प्रमुख नेताओं, मंत्रियों और सीडीएस बिपिन रावत ने दर्शनी देवी की सराहना की थी।

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