उत्तराखंड में कानून सख्त, कोरोना योद्धाओं से की हिंसा तो जुर्माने के साथ जेल भी

उत्तराखंड में कानून सख्त, कोरोना योद्धाओं से की हिंसा तो जुर्माने के साथ जेल भी

स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कोरोना योद्धाओं के साथ हिंसा रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कानून को सख्त बना दिया है। अब जो भी इस तरह की हरकत में शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ सजा के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…..

पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है और इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति पर हैं हमारे डॉक्टर, हेल्थ स्टाफ, पुलिस, सफाईकर्मी आदि। देशवासी इन्हें सम्मान की नजरों से देखते हैं लेकिन कुछ घटनाओं ने माहौल खराब करने की कोशिश की है। मेडिकल टीम पर हमले हों या अन्य कोरोना योद्धाओं को प्रताड़ित करने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

शासन ने कोरोना के मद्देनजर प्रदेश में उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 संशोधन विनियमावली जारी कर दी है। इसके तहत महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो आरोपियों को तीन महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार रुपये से लेकर दो लाख तक का जुर्माना भरना होगा। स्वास्थ्य कर्मी से हिंसा गैरजमानती अपराध होगा। इस पर एफआइआर दर्ज होने के 30 दिन के भीतर जांच पूरी करने का नियम बनाया गया है।

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राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शासन ने महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश जारी करने के साथ ही इसकी संशोधित विनियमावली भी जारी की है। केंद्र सरकार के अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि स्वास्थ्य कर्मी को गंभीर रूप से घायल किया जाता है तो सजा छह माह से सात साल और जुर्माना एक लाख से पांच लाख रुपये तक लगाया जा सकता है।

इसके अलावा अदालत द्वारा तय मुआवजे को भी आरोपी द्वारा पीडि़त को देना होगा। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मुआवजा क्षतिग्रस्त सरकारी संपत्ति का दोगुना वसूला जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा जारी संशोधित विनियमावली में मास्क न पहनने और थूकने पर सक्षम अधिकारी को आरोपी को दंडित करने की कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।

पुलिस के सब इंस्पेक्टर और राजस्व निरीक्षक तक के अधिकारियों को जुर्माना वसूलने का अधिकार दिया गया है। पुरानी विनियमावली में दंड का नहीं बल्कि ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान था। नई विनियमावली में मौके पर ही जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश में संशोधन कर इसे लागू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। इससे पहले केरल व उड़ीसा में संशोधित अध्यादेश लागू हो चुका है।

अध्यादेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने पर पहली और दूसरी बार 100-100 रुपये और इसके बाद हर बार 200 सौ रुपये जुर्माने का प्रविधान किया गया है। इसी प्रकार थूकने पर पहली बार 100 रुपये, दूसरी बार 200 रुपये और फिर हर बार 500 रुपये दंड का प्रावधान किया गया है।

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