नीती घाटी में लगे जियो के इन मोबाइल टावरों से जुमा, जेलम, काजा, गरपत, लौंग, टमक, बकरांसु, फागती, तोलमा, सुरई, सूकी मल्लागांव एवं लाटा गांव के लोगों को मोबाइल कनेक्टीविटी मिलेगी। 15 दिसम्बर 2020 तक 10 एवं मार्च 2021 तक सीमांत क्षेत्रों में जियो के 25 मोबाइल टॉवर लगाए जाएंगे। मार्च 2021 तक चमोली जनपद के अधिकांश सीमांत गांव जियो की 4-जी कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे।
लंबे समय से मोबाइल कनेक्टीविटी की समस्या का सामना कर रहे चमोली जिले की नीती घाटी के लोगों को बड़ी सुविधा मिल गई है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह की कोशिशों से चमोली जिले के सीमांत गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने नीती घाटी के जुमा में लगे जियो टॉवर का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। जियो द्वारा सुकी में भी टॉवर स्थापित किया गया है। इससे लोगों को 4-जी इंटरनेट कनेक्टीविटी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने चमोली के सीमांत गांवों के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि इस सेवा से प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों के लोगों को फायदा होगा। इससे सीमांत क्षेत्रों में व्यापार, उत्पाद एवं ऑनलाइन मैपिंग में भी लोगों को सुविधा होगी। इस सेवा से सीमांत क्षेत्रों में लोगों को ऑनलाइन आवेदन और विभिन्न कार्यों के लिए सुविधा होगी। सरकार द्वारा ई-गर्वनेंस की दिशा में किए जा रहे कार्यों का भी सीमांत क्षेत्रों के लोगों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि इनवेस्टर समिट के दौरान मुंबई में रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी से जियो की सेवा के लिए बात हुई थी। अंबानी ने कहा था कि उत्तराखंड में जो भी जियो की सेवा दी जाएगी, उसमें लाभ या कमर्शियल के हिसाब से नहीं सोचा जाएगा, देश के सीमांत क्षेत्रों तक सेवा पहुंचे, इसको ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में जियो की कनेक्टिविटी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुकेश अंबानी का आभार व्यक्त किया।
नीती घाटी में लगे जियो के इन मोबाइल टावरों से जुमा, जेलम, काजा, गरपत, लौंग, टमक, बकरांसु, फागती, तोलमा, सुरई, सूकी मल्लागांव एवं लाटा गांव के लोगों को मोबाइल कनेक्टीविटी मिलेगी। 15 दिसम्बर 2020 तक 10 एवं मार्च 2021 तक सीमांत क्षेत्रों में जियो के 25 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। मार्च 2021 तक चमोली जनपद के अधिकांश सीमांत गांव जियो की 4-जी कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे। इस 4-जी कनेक्टिविटी से बातचीत के लिए बेहतर ऑडियो सिग्नल और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
भारत में मोबाइल सेवाएं शुरू हुए 25 वर्ष हो गए हैं लेकिन यहां के कई गांवों में आज तक मोबाइल सेवाओं का आभाव था। यहां के कई ग्रामीणों को संचार सेवाओं के लिए 45 किलोमीटर दूर तक आना पड़ता था। भारत-तिब्बत सीमा से लगी इस घाटी में बड़ी संख्या में सेना और आईटीबीपी के जवान भी तैनात रहते हैं। ऐसे में जियो की 4जी सेवाओं के शुरू होने का लाभ सुरक्षा एजेंसियों को भी मिलेगा और उनका अपने अधिकारियों, घर परिवार से संपर्क बना रहेगा। जिससे यह सुरक्षाकर्मी हमेशा अपनों के साथ बने रहेंगें।
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