भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। नीरज ने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 87.58 मीटर के स्कोर के साथ शीर्ष पर रहे तथा उन्होंने 121 साल के इतिहास में पहली बार एथलेटिक्स में भारत को स्वर्ण दिलाया।
भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम कर इतिहास रच लिया। वह फील्ड एंड ट्रैक में गोल्ड जीतने वाले पहले और व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण हासिल करने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए नीरज को बधाई दी और ट्वीट किया, ‘टोक्यो में इतिहास रचा गया है! नीरज चोपड़ा ने आज जो उपलब्धि हासिल की है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वह असाधारण उत्साह के साथ खेले और बेजोड़ धैर्य का प्रदर्शन किया। स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें बधाई।’
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के खंडरा गांव में हुआ। वह जब 12 वर्ष के थे, तब उनके शरीर का वजन सामान्य से अधिक था और उनके परिवार के लोग लगातार उनसे खेल की दुनिया में उतरने के लिए कहते रहे। आखिरकार नीरज ने अपने परिवार वालों की बात मानते हुए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया।
जब वह सीनियर खिलाड़ियों को स्टेडियम में भाला फेंकते हुए देखते थे तो उन्होंने भी तब भाला फेंक खेल में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। सौभाग्य से नीरज को तंदुरुस्त बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण करने के एक माध्यम के तौर पर इस खेल ने आकर्षित किया। इसके बाद वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन गए।
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया था। अमूमन इंडियन आर्मी किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद पर भर्ती करती है, लेकिन नीरज की काबिलियत के मद्दनेजर उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया था।
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