पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपग्रह केंद्र के निदेशक प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट से रानीपोखरी पुल के संबंध में उपग्रह के आंकड़ों के माध्यम से विस्तृत जानकारी ली तथा इसके भूवैज्ञानिक कारणों पर भी उनसे विस्तार से चर्चा की। साथ ही इस क्षेत्र में भविष्य में होने वाली भौगोलिक घटनाओं के बारे में भी प्रो. बिष्ट द्वारा पूर्व सीएम को अवगत करवाया गया।
देहरादून को ऋषिकेश से जोड़ने वाले रानीपोखरी पुल के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। रानी पोखरी में जाखन में बारिश के चलते बने तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हुए पुल के पास ही एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था को सुनिश्चित करने को लेकर पूर्व सीएम और डोईवाला के विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने आवास पर सिचाईं, वन एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की। साथ ही अधिकारियों को वाहनों की आवाजाही सुचारू करने के लिए शीघ्रातिशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए।
इस दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपग्रह केंद्र के निदेशक प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट से रानीपोखरी पुल के संबंध में उपग्रह के आंकड़ों के माध्यम से विस्तृत जानकारी ली तथा इसके भूवैज्ञानिक कारणों पर भी उनसे विस्तार से चर्चा की। साथ ही इस क्षेत्र में भविष्य में होने वाली भौगोलिक घटनाओं के बारे में भी प्रो. बिष्ट द्वारा पूर्व सीएम को अवगत करवाया गया ताकि उस आधार पर नए पुल का निर्माण कार्य किया जा सके।
पूर्व सीएम ने कहा कि मंगलवार से घमंडपुर मार्ग से यातायात प्रारंभ हो जाएगा और हफ्ते भर में ही भारी वाहनों के लिए मार्ग खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता-जनार्दन को आवागमन में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए हम पूरे प्रयास कर रहे हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी किया क्षतिग्रस्त पुल साइट का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों नदी के अधिक बहाव से क्षतिग्रस्त हुए रानी पोखरी पुल स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक सप्ताह में अस्थायी वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से भी मुलाकात की। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता श्री हरिओम ने विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित यातायात को जल्द से जल्द सुचारू किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने थानों भोगपुर के मार्ग को जल्दी दुरुस्त कर यातायात को खोलने के निर्देश दिए।
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