तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड जमीन, समुद्र और वायु पर साहसिक कार्य के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है, जो अर्जुन पुरस्कार के बराबर है। कर्नल अमित बिष्ट को पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कीर्तिमान हासिल करने के लिए प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड प्रदान किया गया है। पिथौरागढ़ की शीतल राज ने एवरेस्ट समेत कई शिखरों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट को पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कीर्तिमान हासिल करने के लिए प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार भारत में साहसिक खेलों के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। 13 नवम्बर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नल अमित बिष्ट यह सम्मान प्रदान किया। उनके साथ ही पिथौरागढ़ की 25 वर्षीय शीतल राज को भी यह सम्मान दिया गया है।
कर्नल अमित बिष्ट पर्वतारोहण की दुनिया में जाना पहचाना नाम हैं। जून 2021 में उन्होंने एवरेस्ट शिखर को छूने का गौरव हासिल किया है। वह निम के पहले ऐसे प्रिंसिपल हैं, जिन्होंने संस्थान के अपने सेवाकाल के दौरान एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। कर्नल अमित बिष्ट ने हाल के समय में भारत और दुनिया के कई हिस्सों में 20 से ज्यादा ऐसे शिखरों पर चढ़ने पर सफलता हासिल की है, जो तकनीकी तौर पर काफी कठिन मानी जाती हैं। इन अनाम शिखरों पर पहले कोई नहीं चढ़ा है। कोविड-19 काल में जब साल 2020 में लगभग सभी बाहरी क्रियाकलापों पर रोक रही तो निम ने कर्नल अमित बिष्ट की अगुवाई में सभी जरूरी प्रोटोकाल का पालन करते हुए उत्तरकाशी में अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण किया। यह देश-विदेश में साहसिक क्रियाकलापों में रुचि रखने वाले लोगों को एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास था। कर्नल अमित बिष्ट पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के हथनूर गांव के मूल निवासी हैं।
कोरोना काल में निम ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप छह चोटियों का सफल आरोहण किया था। निम की टीम ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के साथ मिलकर एलएसी पर पेट्रोलिंग कम माउंटेनियरिंग अभियान चलाया था। इसमें छह दिन में छह हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली छह चोटियों का आरोहण कर एक रिकॉर्ड बनाया गया है। इस अभियान दल ने नेलांग घाटी स्थिति एलएसी पर मुलिंग्ला से लेकर माणा तक 75 किलोमीटर की पेट्रोलिंग की थी।
देशभर से कुल सात व्यक्तियों को तेनजिग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार-2020 प्रदान किया गया है। इसमें भारतीय सेना के एक और अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश ढडवाल भी शामिल है। उन्हें स्काई डाइविंग के क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों के लिए यह सम्मान दिया गया है।
एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड दिया गया है। मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव निवासी 25 वर्षीय शीतल कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं। इससे पहले वर्ष 2018 में शीतल ने 8586 मीटर ऊंची माउंट कंचनजंघा चोटी पर आरोहण किया। वर्ष 2019 में उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया। यह सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं। शीतल ने 7075 मीटर ऊंची सतोपंत, 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल समेत कई चोटियां फतह की हैं। उत्तराखंड की इस बेटी ने 15 अगस्त 2021 में यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्बु्रस चोटी पर तिरंगा फहराया। पिथौरागढ़ निवासी शीतल के पिता उमा शंकर राज पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाते हैं और मां गृहणी हैं। उन्हें उत्तराखंड का प्रतिष्ठित तीलू रौतेली सम्मान भी मिल चुका है।
1994 में ‘राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के रूप में स्थापित होने के बाद 2002 में इस अवार्ड का नाम बदलकर ‘तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार’ कर दिया गया। तेनजिंग नोर्गे माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले पहले व्यक्ति माने जाते हैं। यह जमीन, समुद्र और वायु पर साहसिक कार्य के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है, जो अर्जुन पुरस्कार के बराबर है।
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