कोरोना काल में फिर संकटमोचक बने NSA डोभाल…. भारत की ‘संजीवनी’ याद दिलाई तो अमेरिका मदद को हुआ तैयार

कोरोना काल में फिर संकटमोचक बने NSA डोभाल…. भारत की ‘संजीवनी’ याद दिलाई तो अमेरिका मदद को हुआ तैयार

भारत को कोरोना वैक्सीन के लिए कच्चा माल देने में ना-नुकुर करने वाला अमेरिका अब सभी प्रकार के मदद की बात कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत पूरा प्रशासन मदद के लिए आगे आया है। यह संभव हुआ है एनएसए अजीत डोभाल के एक फोन से। पढ़िए पूरी स्टोरी

ऐसे समय में जब देश कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर का सामना कर रहा है उत्तराखंड के सपूत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एक बार फिर सरकार के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। दरअसल, कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं उस पर संसाधनों की कमी महसूस की जाने लगी थी। भारत में युद्ध स्तर पर कोरोना वैक्सीन बन रही है पर उसके लिए जरूरी कच्चा माल पर अमेरिका ने पाबंदी लगा दी थी।

अमेरिका पहले अपने लोगों के लिए वैक्सीन आदि की जरूरतों को सुनिश्चित कर लेना चाहता है इसलिए वह भारत को कच्चा माल देने में आनाकानी कर रहा था। अब अमेरिका को तैयार करने के पीछे एनएसए डोभाल की बड़ी भूमिका रही।

डोभाल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से फोन पर बात की। इस दौरान NSA डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष को याद दिलाया कि कोरोना के कहर से जब अमेरिका जूझ रहा था तो कैसे भारत ने ही ‘संजीवनी’ एचसीक्यू दवा मुहैया कराई थी।

अब बाइडेन के बदले सुर

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को भी कहना पड़ा कि महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों में हालात बुरे थे तो भारत ने सहायता भेजी थी, हम भी जरूरत के समय में भारत की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पहले तैयार नहीं था अमेरिका

इससे पहले हालत यह थी भारत से दोस्ती की बड़ी-बड़ी बातें करने वाला अमेरिका वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चा माल भारत को देने के लिए तैयार नहीं था। अमेरिका के इस रवैये से दोनों देशों के लोग नाराज हो रहे थे। आखिरकार एनएसए डोभाल ने जब भारत की मदद याद दिलाई तो अमेरिका को भारत की मदद के लिए आगे आना पड़ा… क्योंकि कोरोना से दुनिया की लड़ाई अभी बाकी है।

अमेरिकी एनएसए ने सिर्फ वैक्सीन के लिए कच्चा माल ही नहीं बल्कि भारत को मेडिकल उपकरणों की भी मदद का आश्वासन दिया है। जैसे ही यह खबर भारतीयों को हुई सोशल मीडिया पर एनएसए अजीत डोभाल की चर्चा शुरू हो गई। लोग कहने लगे कि डोभाल को ऐसे ही भारत का जेम्स बांड नहीं कहा जाता है।

अमेरिका ने कहा है कि उसने भारत के अग्रिम मोर्च पर काम कर रहे कर्मियों और कोविड-19 मरीजों की सहायता के मद्देनजर टेस्ट किट, वेंटिलेटर और पीपीई किट के अलावा अन्य उपकरण देने का निर्णय लिया है। अमेरिका ऑक्सीजन उत्पादन एवं संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति तत्काल करने पर भी आगे बढ़ रहा है।

कमला हैरिस ने कहा, भारत के लिए प्रार्थना

भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने बताया है कि अमेरिका कोविड-19 महामारी के समय में अतिरिक्त सहयोग और आपूर्ति देने के लिए भारत सरकार के साथ सहयोग कर रहा है। हम सहयोग कर रहे हैं और भारत के लोगों खासतौर से साहसिक हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं।

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