पांच जुलाई को एनएसए अजीत डोभाल की चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत हुई। इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने भी माना है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
चीन ने लद्दाख में गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव का कारण बनी विवाद की जगह से पीछे हटने की बात कही है। ऐसी खबरें हैं कि भारत के चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए चीन ने संघर्ष वाली जगह से अपने सैनिकों को 1.5 किलोमीटर पीछे कर लिया है। चीन के सैनिक पीछे हटते देखे गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी माना है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
कई हफ्ते से चले आ रहे तनाव के बाद गलवान घाटी से चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, पांच जुलाई को एनएसए अजीत डोभाल की चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत हुई।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, सीमा विवाद के मद्देनजर भारत की तरफ नियुक्त किए विशेष प्रतिनिधि अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच रविवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई। दोनों विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा विवाद पर खुलकर गहराई के साथ बातचीत हुई। बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों ही पक्ष अपनी सेनाएं पीछे करेंगे। सीमा पर शांति बनाए रखने को सबसे बड़ी प्राथमिकता माना गया। सीमा से सेनाएं पीछे करने का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाएगा और भविष्य में भी इस तरह की स्थितियां उत्पन्न न होने दी जाएं जिससे शांति को खतरा हो।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एनएसए डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई यह बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शिता पर आधारित थी। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दोनों के बीच शांति की पूर्ण बहाली और भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, इसके लिए साथ मिलकर काम करने पर बातचीत हुई है।
चीन के अड़ियल रुख के बाद भारत ने कई तरह से बीजिंग की घेराबंदी की थी। वैश्विक समुदाय के बीच चीन की विस्तारवादी नीति की घेराबंदी करने के साथ ही भारत ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर भी कई झटके दिए। चीन की कंपनियों के भारत में कई करार खत्म कर दिए गए। इसके साथ ही भारत ने चीन के 59 ऐप को बैन कर दिया। इससे चीन को करोड़ों डॉलर का नुकसान पहुंचा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सेना गलवान में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के कई सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन बीजिंग अभी तक उनकी संख्या बताने से बच रहा है। उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत होने का अंदेशा है।
गलवान क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुईं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।
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