इस कारण से बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए भी पर्व खास है। आज के दिन सबसे अधिक महत्व गंगा स्नान का बताया गया है और दान पुण्य करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं। आज के दिन स्नान मात्र से कई दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
धर्मनगरी में बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मान्यता है कि आज ही के दिन बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। आज ही बुद्ध का महानिर्वाण भी हुआ था। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास रखने का महत्व बताया था और भगवान ने नृसिंह अवतार लिया था। बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर पूजन करने से असीम पुण्य का लाभ मिलता है। वहीं हरिद्वार में गंगा स्नान को लेकर पुलिस द्वारा सुरक्षा कड़े प्रबंध किए गए थे। पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज भगवान नारायण के अवतारों में से नवम अवतार बुद्धावतार का दिन है। वैशाख में शुक्ल पक्ष की पूर्णमासी के दिन बुद्धावतार इस धरती पर अवतरित हुए थे और आज ही उनको बुद्धत्व यानी ज्ञान प्राप्ति हुई और आज ही के दिन उनका शरीर पूर्ण हुआ था।
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