उत्तराखंड के जंगल दिन प्रतिदिन वनाग्नि का शिकार होते जा रहे हैं। कई हैक्टेयर जमीन/जंगल आग के हवाले हो चुके है। हालात यह है की यह आग अब सिर्फ जंगली जानवरों, औषधियों और संसाधनों के लिए ही नही बल्कि मानव की मृत्यु का भी कारण बन चुकी है।
प्रत्येक वर्ष आग बुझाने गए लोगो या आग की चपेट में आने से लोगो के झुलसाने की खबरें सामने आती है। आलम यह है की प्रत्येक वर्ष यह आग लोगो की जान जाने का कारण बनती है।
ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा जिले का सामने आया है। जहां आग की चपेट में आने से दो लासा लोगो की मौत हो गई। बता दें कि अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर थाना क्षेत्र में गुरुवार को जंगल की आग की चपेट में आने से नेपाली मूल के एक श्रमिक की मौत हो गई…जबकि दो महिलाओं समेत तीन श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों घायलों को उपचार के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि अल्मोड़ा के वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बेस्यूनाराकोट के जंगल में लीसा दोहन का काम करने वाले चार मजदूर वनाग्नि की चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन घायल हुए हैं। तीनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
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