इंटर कालेज जखेटी का नाम सुनते ही आसपास के शैक्षणिक संस्थानों के लोग इसे बड़ी इज्जत की नजर से देखते थे। इस कालेज में पढ़ने वाले बच्चे और पढाने वाले शिक्षक इस बात से अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते थे। यहां से पढ़ने वाले बच्चे जिस भी संस्थान में आगे पढ़ने के लिए जाते थे उन बच्चों को वहां पर बड़ी इज्जत की नजर से देखा जाता था।
कभी इंटर कालेज जखेटी का नाम सुनते ही आसपास के शैक्षणिक संस्थानों के लोग इसे बड़ी इज्जत की नजर से देखते थे। इस कालेज में पढ़ने वाले बच्चे और पढाने वाले शिक्षक इस बात से अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते थे। यहां से पढ़ने वाले बच्चे जिस भी संस्थान में आगे पढ़ने के लिए जाते थे उन बच्चों को वहां पर बड़ी इज्जत की नजर से देखा जाता था।
लेकिन अब इंटर कालेज जखेटी के बारे में कई अफवाहें फैल रही है कि यहां पर जो कार्यकारिणी का चुनाव हो रहा है उसमें कफोलस्यूं पट्टी के केवल चार ही लोग इसमें शामिल हैं। यह हम सब लोगों के लिए बहुत दुख की बात है।
कफोलस्यूं पट्टी में 37 लोगों में से केवल चार लोग ही ऐसे हैं जो कफोलस्यूं पट्टी से ताल्लुक रखते हैं। जिनमें एक नाम विमल नेगी, ग्राम डांग, दूसरा नाम देवेंद्र सिह, ग्राम तोली, तीसरा उत्तम सिंह नेगी और चैथा शकंुतला देवी, ग्राम पीपलपानी के निवासी है। इसके अलावा विकासखंड कल्जीखाल के चार लोगों के नाम इस लिस्ट में हैं। इस कार्यकारिणी के बाकी सब लोग कफोलस्यूं पट्टी के बाहर के हैं।
इसके अलावा इस स्कूल के संस्थापक सदस्यों के नाम इस लिस्ट में से गायब हैं उनमें एक नाम मेजर जनरल शेरू थपलियाल का भी है जो कि ग्राम थापली से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने इस स्कूल के लिए अपनी जमीन दे दी थी अभी वह गुडगांव में रहते हैं और लगातार अपने पैतिृक भूमि से जुड़े हुए हैं। जब हमने मेजर जनरल शेरू थपलियाल से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि मुझे इन चुनावों के बारे में पता नहीं है और न ही मुझे इस बारे में किसी ने सूचित किया है।
जिस प्रकार से पहले 18 अप्रैल को कार्यकारिणी का चुनाव स्थगित करने की प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है और अगले ही दिन 19 अप्रैल को शिक्षा विभाग द्वारा इंटर कालेज जखेटी के नवीन प्रबंधन समिति के चुनाव कराने के लिए पत्र जारी हो जाता है। इस बात से पता चलता है कि शिक्षा विभाग ने इस मामले में कितनी तेजी दिखाई।
इस बात से इसका पता चलता है कि इन चुनाव को कराने के लिए ऊपर से दबाव बनाया गया कि यहां पर जल्दी से जल्दी चुनाव कराये जाये। जब एक बार चुनाव स्थगित होता है तो उसे दोबारा से कराने के लिए कम से कम 15 दिन लग जाते हैं लेकिन यहां पर अगले दिन ही चुनाव कराने के लिए पत्र जारी हो जाता है। इस बारे में शिक्षा विभाग को भी अपने स्तर पर जांच करने की जरूरत है ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी कि यहां के चुनाव के लिए अगले दिन ही पत्र जारी हो गया।
37 सदस्यीय मैनेजमेंट कमेटी में से केवल 4 लोग ही कफोलस्यूं से हैं और बाकी लोग बाहर के स्थानों से है यह बात इस मैंनेजमेंट कमेटी के बारे में कुछ सही नहीं लगती। अब सवाल यह उठता है कि अगर हम इस मैंनेजमेंट कमेटी में आसपास के लोगों को नहीं रखेंगे तो स्कूल के सुधार के लिए जो काम किये जाने है उससे बाहरी लोगों को कोई खास मतलब नहीं होगा।
जिन आसपास के गांवों के बच्चें इस स्कूल में पढ़ेंगे या पढ़ रहे हैं उन गांवों के लोग इस स्कूल के भविष्य के बारे में अच्छे से सोच सकते हैं कि बच्चों को स्कूल में किस चीज की कमी है और उस कमी को पूरा करने की कोशिश करें लेकिन जो लोग बाहर के होंगे उनको स्कूल से भावनात्मक लगाव भी नहीं होगा और वह स्कूल के अच्छे भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचेंगे।
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