मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भी दुर्घटना बीमा/आर्थिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव परिवहन को आदेश दिए हैं कि सरकारी और निजी बसों के मुआवजे में एकरूपता लाने के लिए 10 दिन के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करें। वर्तमान में, उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सफर के दौरान दुर्घटना में मृत्यु पर मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और सड़क सुरक्षा कोष से कुल पांच लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, निगम की ओर से भी पांच लाख रुपए की दुर्घटना प्रतिकर राशि दी जाती है।
अब निजी बस ऑपरेटर की सवारियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। इससे दुर्घटनाओं के दौरान निजी बसों के यात्रियों के परिजनों को कुल दस लाख रुपए की राहत राशि मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि का कष्ट सभी परिवारों के लिए असहनीय होता है। ऐसे में राहत राशि में किसी प्रकार की असमानता नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सड़क सुरक्षा नियमावली को शीघ्र अगली कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। इसके साथ ही, सड़कों पर इन्फोर्समेंट बढ़ाने, बसों की फिटनेस सुनिश्चित करने, ड्राइवरों का ड्राइविंग टेस्ट और स्वास्थ्य परीक्षण करने तथा शेष क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया तेज की जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी विभागों को इस दिशा में समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब रहे कि पौड़ी-देहलचौरी मोटर मार्ग पर बीते 12 जनवरी को ग्राम क्यार्क के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस बस में चालक व परिचालक सहित 28 लोग सवार थे, जिसमें 06 लोगों की मृत्यु व 22 लोग घायल हो गये थे। इसको लेकर आम जनमानस की शिकायत है कि सार्वजनिक वाहनों की फिटनेश सही नहीं होने के कारण वाहन दुर्घटना के कारण बन रहे हैं।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने आम जनमानस की शिकायत पर जनपद के अंतर्गत संचालित परिवहन निगम, जी.एम.ओ.यू.लि., गढ़वाल मंडल जिला सहकारी समिति, यूजर्स व अन्य सभी सार्वजनिक वाहनों के फिटनेश व अन्य की भौतिक सत्यापन करने के लिए संबंधित उपजिलाधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पौड़ी व कोटद्वार को नामित किया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सभी सार्वजनिक वाहनों के फिटनेस आदि की भौतिक सत्यापन करते हुए आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
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