… तो क्या वाकई पतंजलि ने बना ली कोरोना की दवा? दो हफ्ते में बाजार में आने का दावा

… तो क्या वाकई पतंजलि ने बना ली कोरोना की दवा? दो हफ्ते में बाजार में आने का दावा

कोरोना पर नकारात्मक खबरों के बीच एक अच्छी खबर मिल रही है। कोरोना की दवा बना ली गई है। अमेरिका या किसी दूसरे देश ने नहीं बल्कि पतंजलि ने ये दवा बनाने का दावा किया है…. पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

ऐसे वक्त में जब देश में कोरोना के मामले 3 लाख से भी ज्यादा हो गए हैं, हर रोज मौतें हो रही हैं, पतंजलि आयुर्वेद ने एक बड़ा दावा कर उम्मीद जगा दी है। जी हां, ऐसी बात जिसकी सब राह देख रहे हैं और वह है कोरोना की दवा यानी जानलेवा वायरस का इलाज। पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया है कि उन्होंने दवा तैयार कर ली (Patanjali corona medicine) है और अगले दो हफ्ते के भीतर यह बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं के खास मिश्रण से कोरोना का इलाज पूरी तरह से संभव है। बालकृष्ण का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाने में दवाओं का ये मिश्रण बतौर वैक्सीन भी सटीक तरीके से काम करता है। रिपोर्टों की मानें तो पतंजलि अनुसंधान संस्थान में कोरोना की दवा बनाने को लेकर पांच महीने तक शोध चला और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण किए गए और अब जाकर यह सफलता मिली है।

 

 

आचार्य बालकृष्ण ने बताया है कि इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी पूरी हो चुकी है और क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है। जल्द ही इसका डाटा मिलने वाला है, जिसके मिलते ही फाइनल एनालिसिस कर करीब दो हफ्तों के अंदर दवा बाजार में उतार दी जाएगी। शोध के दौरान 12 से अधिक शोधकर्ताओं ने करीब पांच महीने तक आयुर्वेदिक गुणों वाले 150 से अधिक पौधों के 1550 से ज्यादा कंपाउंड पर दिन-रात शोध किया है।

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शोध पत्र अमरीका के वायरोलॉजी रिसर्च मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होने भेजा जा चुका है और प्री-क्वालिफेशन दौर में चल रहा है, जबकि अमेरिका के ही ‘बायोमेडिसिन फार्मोकोथेरेपी’ इंटरनेशनल जर्नल में इसका प्रकाशन हो चुका है।

जानिए इस दवा में क्या-क्या है

पतंजलि ने जिस दवा का दावा किया है उसके मुख्य घटक में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल हैं। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है, जिससे ये कोरोना के प्रभाव को पुख्ता तरीके से खत्म कर देता है। दावा यह भी है कि अगर इसका नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए तो लोग कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं। अब देशवासियों को सरकारी डॉक्टरों, लैबों के साथ-साथ पतंजलि से भी उम्मीद जग गई है।

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