पीताम्बरा पीठ के डा. चंद्रमोहन दीक्षित का संदेश, रक्तबीज की तरह है कोरोना, बस एक ही निदान…

पीताम्बरा पीठ के डा. चंद्रमोहन दीक्षित का संदेश, रक्तबीज की तरह है कोरोना, बस एक ही निदान…

पीताम्बरा पीठ दतिया के डा. चंद्रमोहन दीक्षित ने देशवासियों को अपने संदेश में कहा है कि यह कोरोना वायरस उस रक्तबीज की तरह है, जिसका मां भगवती ने युद्ध में वध किया था। उन्होंने कहा कि इसे हराने के लिए सभी लोग घर में ही रहें। इसके साथ-साथ उन्होंने घर में बैठे-बैठे जप-तप करने की भी बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा के दौरान सुझाव दिया था कि धर्मगुरुओं से बातकर यह अनुरोध किया जाए कि वे अपने अनुयायियों और अन्य लोगों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के महत्व को समझाएं। इस सिलसिले में प्रसिद्ध पीताम्बरा पीठ दतिया के डॉ. चंद्रमोहन दीक्षित चंदा गुरु ने अपना वीडियो संदेश दिया है। 8.54 मिनट के इस वीडियो में डॉ. दीक्षित ने कहा है कि आज देश में कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट व्याप्त हैं। न केवल अपना भारत देश बल्कि पूरा विश्व इस महामारी से त्रस्त है। ऐसे समय में अपने भारतवासियों के समक्ष कुछ अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूं।

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उन्होंने कहा कि यह कोरोना वायरस एक तरह से दुर्गासप्तशती में उल्लिखित रक्तबीज की तरह है। बहुत से लोग इस आख्यान को जानते होंगे कि माता जगदंबा से जब रक्तबीज का युद्ध हुआ तो रक्तबीज के शरीर से जितनी खून की बूंदें गिरती थीं उतने ही रक्तबीज बन जाते थे। उनसे फिर भगवती को और भीषण युद्ध करना पड़ता था। आखिर में मां भगवती ने उन रक्त की बूंदों का ही पान कर लिया, जिससे रक्तबीज का वध हो गया। ठीक उसी प्रकार यह महामारी किसी भी संक्रमित व्यक्ति के स्पर्श से बढ़ती ही जाती है और उसका अंत नहीं होता है। ऐसे समय में एक ही निदान है कि घर में रहें और इस संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करें।

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धर्मगुरु ने कहा कि बिना आध्यात्मिक शक्ति के किसी भी समस्या का पूर्ण समाधान हो ही नहीं सकता है। इसलिए जिसको जो मंत्र अपने गुरुवर से प्राप्त है, उसकी साधना करनी चाहिए। जिनको मंत्र नहीं मिला है, दीक्षा नहीं लिए हैं, वे भी भगवान शंकर को गुरु मानकर स्वयं मंत्र जाप ‘ओम नम: शिवाय’ कह सकते हैं।

इसके अलावा दुर्गा सप्तशती में महामारी विनाशक मंत्र है, जिसका जप कर सकते हैं

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।

उन्होंने कहा कि इस तरह से हम अपने निवास में ही जप-तप करके इस संकट से मुक्ति पा सकते हैं। भगवान कृष्ण ने कहा है कि हे अर्जुन! दरिद्र को दान दो… आज देश में महामारी के संकट के बीच गरीबों का सहयोग करना चाहिए। समृद्धशाली, उद्योगपति, समाजसेवी आदि लोगों को मदद के लिए तैयार रहना चाहिए ताकि इस विकट समस्या से हमारा देश मुक्ति पा सके।

उन्होंने विश्वास जताया कि 130 करोड़ देशवासियों की इच्छाशक्ति, साधना और सहयोग से इस कोरोना रोग से भारत देश मुक्ति पा लेगा और देश विश्व का नेतृत्व करेगा। धर्मगुरु ने कहा कि कई देशों और राष्ट्राध्यक्षों ने भारत की भूमिका की सराहना है। वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु बनेगा।

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