क्यारकुली भट्टा पानी समिति की अध्यक्षा श्रीमती कौशल्या रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के साकार होने से और गांव में पलायन कर चुके लोगों द्वारा वापस रिवर्स पलायन किया जा रहा है। गांव में पहले की तुलना में बहुत अधिक पर्यटन आ रहे हैं जिससे गांव में होमस्टे योजना की डिमांड में भी काफी बढ़ोतरी हुई है तथा गांव में 35 होमस्टे पर्यटन विभाग के समन्वय से बन चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उत्तराखंड के मसूरी क्षेत्र की क्यारकुली भट्टा ग्राम पंचायत और पानी समितियों से वर्चुअल संवाद किया। देश भर में उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, मणिपुर और उत्तराखंड की कुल 5 ग्राम पंचायतों की पानी समितियों के सदस्यों के साथ पीएम मोदी ने यह संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री पानी पंचायत समितियों से जल जीवन मिशन के इंप्लीमेंट से पूर्व और इंप्लीमेंट के पश्चात गांव के लोगों, विशेषकर गांव की महिलाओं और गांव की अर्थव्यवस्था में आए व्यापक सकारात्मक बदलाव से रूबरू हुए।
पानी पंचायत समितियों द्वारा प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन के इंप्लीमेंटेशन के बाद किस तरह से उनके गांव की दशा-दिशा बदल गई है। जल जीवन मिशन से पूर्व जहां गांव की महिलाओं को कई मील दूर पानी ढोने जाना पड़ता था तथा कई बार घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता था अब जल जीवन मिशन के इंप्लीमेंटेशन के बाद महिलाओं का पानी ढोने और लाइन में लगने के समय की बचत हुई है जिससे महिलाएं अब अपने समय को बाल बच्चों के अच्छे पालन पोषण, अपने जीवन को उन्नत बनाने, नई-नई स्किल सीखने तथा अपने और सामुदायिक जीवन को आगे बढ़ाने में व्यापक समय दे पा रही है तथा उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है।
ये Decentralisation का- विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा Movement है।
ये Village Driven- Women Driven Movement है।
इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।
– पीएम श्री @narendramodi #JalJeevanSamvad pic.twitter.com/UQfRBN0OuY
— BJP (@BJP4India) October 2, 2021
इसी कड़ी में मसूरी क्षेत्र की क्यारकुली भट्टा पानी समिति की अध्यक्षा श्रीमती कौशल्या रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के साकार होने से और गांव में पलायन कर चुके लोगों द्वारा वापस रिवर्स पलायन किया जा रहा है। गांव में पहले की तुलना में बहुत अधिक पर्यटन आ रहे हैं जिससे गांव में होमस्टे योजना की डिमांड में भी काफी बढ़ोतरी हुई है तथा गांव में 35 होमस्टे पर्यटन विभाग के समन्वय से बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन के पश्चात गांव का पानी और गांव की जवानी अब गांव के काम आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में शत प्रतिशत कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। महिलाओं को अब घर-घर पेयजल उपलब्ध होने से वह अपने समय और ऊर्जा का सदुपयोग अब दूसरे काम में करने लगी है जिससे गांव की अर्थव्यवस्था में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। गांव की पानी पंचायत समिति द्वारा व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण भी किया गया है और आगे भी 1 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा है।
पानी पंचायत समितियों से वर्चुअल संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना का भली-भांति क्रियान्वयन गांव के कर्मठ लोगों और जागरूक महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से पूरा हो पाया। उन्होंने कहा कि पहले के समय हम वाटर ट्रेन और वाटर टैंक से पेयजल आपूर्ति के बारे में सुना करते थे लेकिन जल संरक्षण, जल संवर्धन और जल प्रबंधन के गुजरात के पूर्व अनुभव और उसी जल संरक्षण और जल संभरण के अनुभव से प्रेरित होकर जल जीवन मिशन (हर घर जल) जैसी योजना को क्रियान्वित करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने भारत के सभी नागरिकों को जल संरक्षण, जल संचय, भूमिगत जल पुनर्भरण, वर्षा जल संग्रहण इत्यादि की सामूहिक जिम्मेदारी और भागीदारी का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें जल के महत्व को समझना होगा और अपनी छोटी-छोटी ऐसी नकारात्मक आदतों में सुधार लाना होगा, जो जल के दुरुपयोग को बढ़ावा देती है। यह कार्य सभी नागरिकों के चैतन्न्य और सक्रिय भागीदारी से ही संभव होगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पानी का एक छोटा सा कुआं बहुत लोगों की प्यास बुझा सकता है लेकिन बड़ा समुंदर किसी भी व्यक्ति की प्यास नहीं बुझा सकता अर्थात किसी भी व्यक्ति का छोटा सा जल संरक्षण, जल संचय, जल संवर्धन और जल के सदुपयोग का प्रयास बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। हमें इस बात को गांठ बांधना चाहिए और यह हमारे जीवन का मिशन होना चाहिए। इस दौरान माननीय प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की ई-पुस्तिका, जल जीवन मिशन के बजट के सदुपयोग से संबंधित 15 वें वित्त आयोग की मार्गदर्शिका और जल जीवन मिशन में व्यापक पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने से संबंधित जल जीवन मिशन मोबाइल ऐप का भी विमोचन किया गया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमें केवल हर घर जल उपलब्ध ही नहीं करवाना बल्कि जल की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत अथवा पानी समितियों के बीच से महिलाओं को पेयजल टेस्ट किट वितरण और उनको पेयजल टेस्टिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जो एक तरह से महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। साथ ही गांव में स्थानीय स्तर पर ही प्लंबर, मैकेनिकल आदि कार्यबल भी तैयार किया जा रहा है जिससे लोगों को विभिन्न काम करवाने में बहुत सहूलियत होगी तथा स्थानीय स्किल्ड युवाओं को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है।
क्यारकुली भट्टा गांव में मौजूद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्चात गांव के उपस्थित लोगों से कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के संबंध में अनेक योजना भारत सरकार और राज्य सरकार के स्तर पर संचालित की जा रही हैं, जिसमें उज्जवला योजना, स्वामित्व योजना, जल जीवन मिशन योजना, प्रधानमंत्री वंदना योजना इतिहास प्रमुख हैं, जो महिलाओं को अनेक प्रकार से लाभ पहुंचा रही है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी देहरादून डा. आर राजेश कुमार ने पंचायत प्रतिनिधि और पानी पंचायत समिति की अध्यक्षा श्रीमती कौशल्या रावत और सभी महिलाओं को प्रधानमंत्री से वर्चुअल संवाद करने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के बेहतर क्रियान्वयन तथा इसके पश्चात गांव में विभिन्न विकास कार्यों में आए सकारात्मक बदलाव से प्रेरणा लेने के लिए अन्य ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी क्यारकुली भट्टा ग्राम पंचायत का जरूर भ्रमण करना चाहिए तथा उनको भी अपनी ग्राम पंचायत में इसी तरह के विकास कार्यों को इंप्लीमेंट करना चाहिए।
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