प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9,75,46,378 किसान परिवारों के खातों में 1,95,09,27,56,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए। उत्तराखंड के 8.82 लाख किसानों के खाते में 176.46 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है।
टिहरी के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल से की बात
इस दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों के लाभार्थी किसानों से भी बात की और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने टिहरी जिले के चंबा विकासखंड के सुशांत उनियाल से भी बात की। सुशांत, डिंगरी मशरूम उत्पादन इकाई के माध्यम से मशरूम उत्पादन का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सरकारी योजनाओं से बहुत लाभ हुआ है। अपने मशरूम उत्पादन से आस-पास के ग्रामीणों को भी जोड़ा है।
पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आए : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है। सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है।
उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल जी ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है। pic.twitter.com/doRgge0Y5N
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
भारतीय कृषि को देनी है नई दिशा
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। ये महत्वपूर्ण पड़ाव हमारे लिए गौरव का तो है ही, ये नए संकल्पों, नए लक्ष्यों का भी अवसर है। देश जब आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, 2047 में तब भारत की स्थिति क्या होगी, ये तय करने में हमारी खेती, हमारे किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है। ये समय भारत की कृषि को एक ऐसी दिशा देने का है, जो नई चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने खरीफ हो या रबी सीज़न, किसानों से एमएसपी पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है। कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया। परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के लिए 11 हजार करोड़ का निवेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। जम्मू-कश्मीर का केसर विश्व प्रसिद्ध है। सरकार ने ये फैसला लिया है कि जम्मू-कश्मीर का केसर देशभर में नाफेड की दुकानों पर उपलब्ध होगा।
सरकारी मंडियों को विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में हो रहे बदलावों को अनुभव किया है। मोटे अनाज, मसाले, सब्जी, फलों, ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने तय किया है कि जो राज्यों में सरकारी मंडियां है उनको भी विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद मिल सके। इस फंड का उपयोग करके हमारी सरकारी मंडियां बेहतर होंगी, ज्यादा मजबूत होगी, आधुनिक होगी।
अब देश की कृषि नीतियों में इन छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर फंड हो, या 10,000 किसान उत्पादक संघों का निर्माण, कोशिश यही है कि छोटे किसानों की ताकत को बढ़ाया जाए। छोटे किसानों की बाजारों तक पहुंच भी अधिक हो और बाजारों में मोलभाव करने की उनकी क्षमता भी अधिक हो।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री एवं अन्य महानुभाव उपस्थित थे।
कार्यक्रम के बाद सीएम धामी ने राज्य के अधिकारियों को निर्देशित किया कि युवाओं को खेती और बागवानी से जोड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर की जा रही नई पहलों का अध्ययन किया जाए। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वेल्यु एडीशन पर ध्यान दिया जाए और सप्लाई चैन सुनिश्चित की जाए।
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