तीर्थ-पुरोहितों ने दो तर्क सामने रखे। पहला यह कि केदारनाथ धाम में पहले भी तीर्थ-पुरोहित ही कपाट खुलने की मुख्य पूजा करते रहे हैं। दूसरा यह कि कपाट खुलने की तिथि या लग्न बदलना शुभ नहीं होता।
पहले से ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि बदलने के फैसले का विरोध हो सकता है। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बदरीनाथ कपाट खोलने की तिथि में बदलाव की बात तो खुलकर कही लेकिन केदारनाथ के कपाट पर फैसला धर्माचार्यों पर छोड़ दिया। अब धर्माचार्यों की समिति ने तय किया है कि केदारनाथ के कपाट पूर्व निर्धारित तिथि यानी 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर ही खुलेंगे। दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव कर दिया गया है। बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4.30 बजे खुलेंगे। इसी के साथ केदारनाथ के कपाट 14 मई को खोलने की जानकारी सामने आई थी।
पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचगाई समिति के प्रमुख लोगों के साथ वरिष्ठ तीर्थपुरोहितों, आचार्यों और वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में केदारनाथ के कपाट निर्धारित तिथि पर ही खोलने का फैसला लिया गया। इस बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने कपाट खुलने के समय में बदलाव का पुरजोर विरोध किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने दो तर्क सामने रखे। पहला यह कि केदारनाथ धाम में पहले भी तीर्थ-पुरोहित ही कपाट खुलने की मुख्य पूजा करते रहे हैं। दूसरा यह कि कपाट खुलने की तिथि या लग्न बदलना शुभ नहीं होता।
समिति के सदस्यों ने कहा कि अगर केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव होता है, तो इससे द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में भी बदलाव करना पड़ेगा, जो पहले से ही 11 मई और 20 मई के लिए तय की गई हैं। साथ ही केदारनाथ के क्षेत्रपाल भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा के लिए भी नई तिथि तय करनी होगी। इसके बाद सर्वसम्मति से तिथि नहीं बदलने का निर्णय लिया गया।
निवर्तमान मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह और रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के तहत भगवान केदारनाथ धाम के कपाट महाशिवरात्रि को तय तिथि और समय के अनुसार ही खोले जाएंगे। बाबा केदार की डोली पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 26 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए प्रस्थान करेगी। बैठक में वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी और पंचगाई प्रमुख समेत कई तीर्थ-पुरोहित मौजूद थे।
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April 21, 2020, 1:28 pm[…] तीर्थ पुरोहित तिथि बदलने के पक्ष में न… […]
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