लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अति विशिष्ट सेवा मेडल और वाइस एडमिरल संदीप नैथानी को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया है।
हाल के वर्षों में देवभूमि के कई सपूत देश की रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अहम जिम्मेदारियां निभाते आ रहे हैं। इस दौरान उन्हें उनकी उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए कई सम्मान भी दिये गये हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को उनकी उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा एवीएसएम से सम्मानित किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को उनकी बेहतरीन सेवा के लिए सेना मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा इस समय असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल (नॉर्थ) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें 5 जून 2022 को आईजीएआर (नॉर्थ) नियुक्त किया गया था। उन्होंने 9 जून, 1990 को भारतीय सेना की सिख लाइट इंफैंट्री में कमीशन लिया। वह संघर्षविराम से पूर्व नगालैंड में भी सेवाएं दे चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और असम में आतंकवाद विरोधी अभियानों की योजना बनाने और संचालन का व्यापक अनुभव है। वह सेना के वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में डिविजनल ऑफिसर और सामरिक प्रशिक्षण अधिकारी, जीओसी-इन-सी के सैन्य सलाहकार, मुख्यालय पूर्वी कमांड, स्टाफ ऑफिसर और सेना प्रमुख के उप सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है।
विकास लखेड़ा डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्होंने सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट से उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है। वह द रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज (आरसीडीएस), लंदन के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर किया है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने असम में काउंटर इंसर्जेंसी एनवायरनमेंट में अपनी यूनिट और पश्चिमी क्षेत्र में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा का जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा की पत्नी विभा लखेड़ा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और गृहिणी हैं। उनके दो बेटे अर्जुन लखेड़ा और कृष्ण लखेड़ा है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा टिहरी गढ़वाल के ग्राम जखंड के रहने वाले हैं।
वाइस एडमिरल संदीप नैथानी कुछ समय पहले ही चीफ ऑफ मैटेरियल के पद से सेवानिवृत हुए हैं। आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा वाइस एडमिरल संदीप नैथानी को पीवीएसएम पद से सम्मानित किया गया। इससे पहले वह एवीएसएम, वीएसएम से सम्मानित किये जा चुके हैं। वाइस एडमिरल संदीप नैथानी युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक के पद पर सेवायें दे चुके हैं। एक फ्लैग ऑफिसर के रूप में एडमिरल नैथानी ने नौसेना मुख्यालय में मैटेरियल (आधुनिकीकरण) के सहायक प्रमुख के रूप में भी कार्य किया है। वह नौसेना के प्रमुख विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस वलसुरा की भी कमान संभाल चुके हैं।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला पुणे से स्नातक वाइस एडमिरल संदीप नैथानी 01 जनवरी 1985 को भारतीय नौसेना में कमीशन हुए थे। उनकी पहली नियुक्ति नौसेना की विद्युत शाखा में हुई थी। वह नौसेना के सबसे वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी के रूप में जहाजों, पनडुब्बियों के लिए सभी प्रकार के उपकरणों और हथियार प्रणालियों के चयन, प्रेरण और रखरखाव से संबंधित सभी पहलुओं के प्रभारी रहे हैं। वाइस एडमिरल नैथानी आईआईटी, दिल्ली से रडार एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) और नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के पूर्व छात्र हैं। साढ़े तीन दशकों के अपने शानदार नौसैनिक करियर के दौरान वह विभिन्न चुनौतीपूर्ण पदों पर रहे हैं। वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने विमान वाहक पोत ’विराट’ पर विभिन्न क्षमताओं के साथ सेवा दी है।
वह मुंबई और विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में, नौसेना मुख्यालय के स्टाफ, कार्मिक और मैटेरियल शाखाओं में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। इसके साथ ही एडमिरल ने नौसेना के प्रमुख विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, आईएनएस वलसुरा की भी कमान संभाली थी। इसके अलावा वह मुख्यालय डब्ल्यूएनसी में चीफ स्टाफ ऑफिसर (टेक्निकल), नौसेना डॉकयार्ड मुंबई के एडमिरल अधीक्षक और मुंबई में महानिदेशक नौसेना परियोजना, मुख्यालय एटीवीपी में कार्यक्रम निदेशक भी रहे हैं। वह पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के तहत आने वाले नैथाणा गांव के मूल निवासी हैं।
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