प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पैच को केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों को भी देखा। उन्होंने केदारनाथ मंदिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मंदिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पैच को केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किए जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाए। इससे श्रद्धालुओं को श्री केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो।
केदारनाथ के पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। यहां के पुनर्विकास में इस बात पर जोर है कि वो इको-फ्रेंडली हो और तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी सुविधाजनक हो। https://t.co/Xgp7DWMXbc
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2020
उन्होंने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किए जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केंद्र से हरसंभव मदद दी जाएगी।
मोदी बोले, बदरीनाथ के लिए बनाया जाए डेवलपमेंट प्लान
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।
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इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जाएगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जाएगा। भैरव मंदिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है।
उन्होंने बताया कि तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाकों में बनाए जा चुके हैं, शेष ब्लाकों में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जाएगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।
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