उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से नाकुरी गाड़ में भारी बारिश और जलस्तर बढ़ने से उत्तरकाशी जिले के विकास खंड डुंडा के अंतर्गत बरसाली क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में भारी नुकसान हुआ है।
लोकेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी
उत्तराखंड के कई इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण बड़े नुकसान की खबर आ रही है। आज की भारी बारिश से नाकुरी गाड़ ने भारी तबाही मचाई। सिंगोट में एक मोटर पुल के साथ सिंगोट गांव का पैदल आरसीसी ब्रिज के वा धर्मशाला में पीडब्ल्यूडी का लोहे का पैदल पुल टूट गए। नाकुरी गाड़ से मांगली गांव का अस्तित्व ही खतरे में है। मांगली गांव की सुरक्षा दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के साथ ही नदी का तल ऊंचा हो गया है जिससे गांव को भारी खतरा है।
आपको बताते चलें कि नाकुरी गाड़ के दोनों तरफ 10 किलोमीटर क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों की लगभग 50 हेक्टियर कृषि भूमि मय फसलों के तबाह हो गई। क्षेत्र में आई भारी बाढ़ और बादल फटने के बाद हुए नुकसान का जायजा लेते आज 1 अगस्त को लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि नाकुरी गाड़ से ग्रामसभा सिंगोट, मांगली सेरा, बरसाली, नाकुरी, मलान गांव, कुंसी के ग्रामीणों को लगभग 50 हेक्टर भूमि मय फसलों के तबाह हो गई। जबकि संपर्क मार्ग, नहरें, पेयजल योजनाएं, 5 आरआरसी के पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गए।
जबकि एक मोटर पुल वा दो आरसीसी पैदल पुल और एक लोहे का पैदल पुल पूरी तरह से बाद की भेंट चढ़ गए। हालत यही रहे तो आने वाले समय में और अधिक नुकसान होने की संभावना है।
आपको बताते चलें कि गत रात्रि 1 अगस्त को नाकुरी गाड़ में बाढ़ आने से ग्रामसभा सिंगोट के साथ ग्रामसभा मांगली सेरा, ग्रामसभा बरसाली के उपली नाकुरी, तल्ली नाकुरी और कुंसी ग्रामसभा के भातू सेरा और घटक्यार्का में काश्तकारों को कृषि भूमि का फसलों के साथ लगभग 50 हेक्टर भूमि का भारी नुकसान हुआ है।
बाढ़ से सिंगोट में 1 मोटर पुल बह जाने के साथ 2 आरसीसी पुल और एक लोहे का पुल बह गया। जिसके चलते आने जाने की दिक्कतों के साथ ग्रामीण स्वयं ही संपर्क मार्ग बनाने में जुटे हैं। कई जगहों पर लोगों के खेत, घरों में पानी भर गया और सिंगोट में पक्के निर्माण को भी नुकसान हुआ है। बाढ़ से पैदल पुल, संपर्क मार्ग, सड़कों के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। लोगों के मवेशी भी छानियों में कैद हैं।
मांगली सेरा, सिंगोट, मलान गांव, नाकुरी में गांव के सुरक्षा दीवार बह जाने से गांव को खतरा बन गया है। सिंचाई विभाग और लघु सिंचाई विभाग को लगभग 50 नहरे पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई जबकि पेयजल विभाग की 20 से अधिक योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई। दर्जनों नहरें, पेयजल योजनाओं के बाढ़ बे बह जाने से सिंचाई और पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है।
नाकुरी गाड़ पर 10 किलोमीटर हिस्से में दोनो तरफ इस क्षेत्र के लोगों की सिंचित भूमि है। बाढ़ से खेती और धान की फसलों को भी बड़ा नुकसान हवा है। जगह जगह ग्रामीणों के आने जाने के रास्ते टूट गए और आधा दर्जन पैदल पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
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