रैणी में हुई आपदा में तपोवन टनल में सैकड़ो मजदूर हो गए थे दफ़न। 2021 में हुई आपदा के जख्म रह रह के हो रहे हरे। टनल में मिला एक शव।
संपूर्ण उत्तराखंड को झकझोर देने वाली ऋषि गंगा की आपदा के जख्म बार-बार ताजा हो जाते हैं। इस आपदा में 206 जिंदगियां मलबे में दफन हो गई थीं। आज भी यहां शव मिलने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को एक और शव तपोवन टनल से मिला। सड़ा गला होने के कारण अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
तपोवन में एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना की टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। बृहस्पतिवार को इंटेक टनल में मलबे की सफाई के दौरान एक मानव शव बरामद हुआ है। 7 फरवरी 2021 को रैणी आपदा में सैकड़ों मजबूर मलबे में दफन हो गए थे।
एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी नवजोत कौर ने बताया कि मुख्य टनल से करीब 650 मीटर अंदर मलबे की सफाई के दौरान एक शव बरामद हुआ है। शव को कंपनी के कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाला गया। सड़ा गला होने के कारण अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि मानव शव पर सिर्फ कपड़े ही हैं। शव को एनटीपीसी के अस्थायी मोर्चरी में रखवाया गया है।
सात फरवरी को ऋषि गंगा की आपदा में 206 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 88 के शव बरामद किए जा चुके थे। एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी, जिसमें कई श्रमिकों के शव परियोजना की टनल में फंसे हुए थे।
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