हम किसी भी मंदिर या तीर्थस्थल जाते हैं तो वहां की एक तस्वीर हमारे मन-मस्तिष्क में बन जाती है। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसे कलाकार हैं जो बिना गए हूबहू मंदिर की कलाकृति बना देते हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, पशुपतिनाथ मंदिर की हूबहू कलाकृति उन्होंने बना दी है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
यह तस्वीर देखकर कुछ याद आया… जी हां, देवभूमि के धाम जिसे अपने हुनर से सजीव रूप दिया है पहाड़ के ही एक कलाकार ने। ये सब कलाकृतियां हैं जिसे चमोली के किरूली गांव के रहने वाले राजेंद्र बडवाल ने बनाई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वह कभी भी पशुपतिनाथ मंदिर नहीं गए। तस्वीर में मंदिर देखा और 12 दिन में बना दी हूबहू आकृति। नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, जहां दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं।
उनकी हस्तशिल्प कला को खूब प्रशंसा मिल रही है। आसपास के लोगों ने सोशल मीडिया पर भी यह तस्वीर डाली है। दरअसल, राजेंद्र ने लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए कई मंदिरों के डिजाइन तैयार किए हैं। पशुपतिनाथ मंदिर की आकृति उन्होंने रिंगाल और बांस से बनाकर सबको हैरान कर दिया। मंदिर में पहुंचने के चार दरवाजे बनाए गए हैं।
‘हिल-मेल से’ विशेष बातचीत में राजेंद्र ने बताया कि उनके पास 200 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक के उत्पाद हैं। मांग होती है तो उनका तैयार किया गया सामान आसानी से बिक जाता है। वह बताते हैं कि 10 से 15 दिनों में वह एक मंदिर का डिजाइन बनाकर तैयार कर लेते हैं। वह कहते हैं कि अपने पिता को यह बनाते देखता था, उसी से सीख लिया।
आपको बता दें कि राजेंद्र बडवाल करीब 10 सालों से अपने पिता दरमानी बडवाल के साथ मिलकर हस्तशिल्प का कार्य कर रहे हैं। उनके पिताजी 45 सालों से हस्तशिल्प का काम कर रहे हैं। राजेन्द्र रिंगाल के परम्परागत उत्पादों के साथ साथ नए-नए प्रयोग कर मार्डन लुक वाले डिजाइन तैयार करते हैं। सामान की मार्केटिंग के लिए उन्होंने फेसबुक पर प्रचार करना शुरू किया है जिससे लोग उनकी कला को जानें।
उनके द्वारा बनाई गई रिंगाल की छंतोली, ढोल दमाऊ, हुडका, लैंप शेड, लालटेन, गैस, टोकरी, फूलदान, घोंसला, पेन होल्डर, ट्रे, डस्टबिन, टोपी, बद्रीनाथ, केदारनाथ, पशुपतिनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों के डिजाइन को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *