रंग लाई मेयर अनीता ममगांई की मुहिम, स्वच्छता सर्वेक्षण में ऋषिकेश की छलांग, नगर निगम खुले में शौच मुक्त घोषित

रंग लाई मेयर अनीता ममगांई की मुहिम, स्वच्छता सर्वेक्षण में ऋषिकेश की छलांग, नगर निगम खुले में शौच मुक्त घोषित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम का देशभर में असर दिख रहा है। ऋषिकेश में मेयर अनिता ममगाई के प्रयासों का नतीजा है कि शहर को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है। इसके साथ ही ऋषिकेश नगर निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च स्थान पर आने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

देश का पवित्र तीर्थस्थल और योग नगरी ऋषिकेश का शांत वातावरण दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गंगा स्नान हो, ध्यान या कुछ पल सुकून के बिताने के लिए ऋषिकेश की आबोहवा बिल्कुल अनुकूल है। पर जरा सोचिए, अगर इस सकारात्मक ऊर्जा के बीच आपको सड़कों पर गंदगी या शहर में यहां-वहां प्रदूषण दिखे तो लोगों की सोच ही बदल जाएगी। जी हां, साफ-सफाई न सिर्फ देखने में अच्छी लगती है बल्कि शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यही वजह है कि छोटे बच्चों को कक्षा में अच्छी आदतें सिखाई जाती हैं पर बड़े होने पर लोग इसकी परवाह ही नहीं करते।

फिलहाल ऋषिकेश के लोगों के लिए गौरव का विषय है। स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम ऋषिकेश ने ऊंची छलांग लगाई है। महापौर अनिता ममगाई के प्रयासों की इसके लिए खूब तारीफ हो रही है। केन्द्र की स्वच्छता टीम द्वारा ग्राउंड लेवल पर शहर के शौचालयों के किए गए निरीक्षण के आधार पर ऋषिकेश नगर निगम को खुले में शौच मुक्त – ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है। इसमें मिले नंबरों पर ही स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में निगम की परफॉर्मेंस तय की जानी है। इस लिहाज से देखें तो ऋषिकेश की पहले पायदान की ओर बढ़ते हुए दावेदारी मजबूत हुई है। मेयर अनिता ममगाई के प्रयासों की खूब सराहना हो रही है।

 

उन्होंने बताया कि निगम ने लंबी छलांग लगाई है, आगे भी कोशिश होगी और बेहतर करने की ताकि ऋषिकेश स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आ सके। महापौर ने बताया कि उन्होंने करीब दो साल पहले नगर निगम की कमान संभाली तो शहर की सफाई व्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर में थी जिसकी वजह से नगर का ओडीएफ भी निगेटिव था।

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नगर के तमाम शौचालयों की हालत बहुत खराब थी, उनके बिजली के बिलों के भुगतान में भी पिछले 5 सालों का बकाया था। शौचालयों की मरम्मत करने और नए शौचालय बनाने के लिए निगम के पास बजट का अभाव था। इसे चैलेंज की तरह स्वीकार कर योजनाएं बनाई गईं। मजबूत पत्राचार और शासन में अच्छी पकड़ के चलते शहर को वित्तीय धनराशि उपलब्ध कराने में वह कामयाब रहीं।

इसका नतीजा यह हुआ कि धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में हाईटेक शौचालय बने और पुराने शौचालयों का जीर्णोद्धार शुरू हुआ। आज ऋषिकेश शहर को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया गया है। महापौर ने बताया कि इस साल 10 हाईटेक शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। छह हाईटेक शौचालयों पर 5 स्टार होटल की तर्ज पर निर्माण का कार्य चल रहा है।

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महापौर ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में दो महत्वपूर्ण मानक होते हैं- खुले में शौचमुक्त ओडीएफ और कूड़ा मुक्त शहर जीएफ़सी। इस साल गोविंद नगर से कूड़ा हटाकर शहर को जीएफसी स्टार का तमगा भी दिलाया जाएगा जो एक बड़ी उपलब्धि होगी।

सच ही कहा गया है कि अगर मन में कुछ करने का जुनून और जज्बा हो तो मुश्किलें कभी रास्ता नहीं रोक पाती हैं। धर्म और सांस्कृतिक नगरी ऋषिकेश की मेयर के साथ ही वहां की जनता भी इस उपलब्धि में बधाई की पात्र है, जिसके सहयोग से अपना शहर साफ-सुथरा दिख रहा है।

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