हिल मेल ब्यूरो, देहरादून आपको कूड़ा-कचरा फेंकना होता है तो आप डस्टबिन तक जाते हैं, उसे खोलते हैं और कचरा डालकर उसे बंद कर देते हैं। लेकिन जरा सोचिए बुजुर्गों या दिव्यांग लोगों के लिए ऐसा कर पाना काफी मुश्किल है। इसी बात को ध्यान
हिल मेल ब्यूरो, देहरादून
आपको कूड़ा-कचरा फेंकना होता है तो आप डस्टबिन तक जाते हैं, उसे खोलते हैं और कचरा डालकर उसे बंद कर देते हैं। लेकिन जरा सोचिए बुजुर्गों या दिव्यांग लोगों के लिए ऐसा कर पाना काफी मुश्किल है। इसी बात को ध्यान में रखकर पीएम मोदी से प्रभावित रुड़की के कक्षा 10 के एक छात्र ने चलने फिरने वाला कूड़ादान तैयार कर दिया। जी हां, स्कॉलर्स एकेडमी के छात्र वंश सैनी ने यह मॉडल तैयार किया है।
वह कहते हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर चलने फिरने वाला कूड़ेदान बनाने के बारे में सोचा। उनका यह मॉडल भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा चयनित हुआ है। अब एक फरवरी को जिला स्तरीय मॉडल प्रदर्शनी में इसे प्रदर्शित किया जाएगा। आपको बता दें कि भारत सरकार का विज्ञान एवं तकनीकी विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) हर साल इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत देशभर से कक्षा 10 तक के छात्रों से नवाचार शोध के लिए विचार आमंत्रित करता है।
यहां से चयनित किए गए नवाचारों को मूर्त रूप देने के लिए छात्रों से मॉडल बनवाए जाते हैं। इसके लिए प्रत्येक छात्र के खाते में 10 हजार रुपये भेजे जाते हैं। इस साल हरिद्वार से कुल 89 मॉडल का चयन हुआ है।
चलने वाले कूड़ेदान की खासियत जानिए
वंश सैनी द्वारा बनाए गए कूड़ेदान की कई खूबियां हैं। इस कूड़ेदान को बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों तथा असहाय लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह अपने आप चलकर आपके पास आ जाएगा। साथ ही इसका ढक्कन भी खुल जाएगा, जिससे आप कचरा इसमें डाल सकें। इसकी तकनीक ऐसी है कि कोई व्यक्ति इसके सामने आएगा तो यह ढक्कन कूड़ा डालने के लिए खुल जाएगा और अपने आप बंद भी हो जाएगा।
इतना ही नहीं, डस्टबिन पूरा भरने पर सायरन बजेगा कि कूड़ा भर गया है। वंश सैनी ने बताया कि मॉडल को तैयार करने में उनके पिता विनीत सैनी, डॉ. नवीन सैनी एवं डॉ. शैलेंद्र मैठाणी, एकेडमी के चेयरमैन एसएस नगियान से काफी मार्गदर्शन मिला।
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