कोरोना संकट के कारण कंपनियों में काम रुका तो महानगरों से बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड की तरफ लौटे। ई-रैबार के लाइव शो में पौड़ी और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों ने इन प्रवासी कामगारों को लेकर कई बातें कहीं। उन्होंने आंकड़े रखते हुए समझाया कि कैसे बाहर की नौकरी से प्रदेश में रहना बेहतर है….
ई-रैबार के मंच पर फिल्मी हस्तियों, विशेषज्ञों, डॉक्टरों, महिला उद्यमियों, नेताओं के बाद शुक्रवार 8 मई को बारी थी उत्तराखंड के दो महत्वपूर्ण जिलों रुद्रप्रयाग, पौड़ी के जिलाधिकारियों से रूबरू होने की। लॉकडाउन के बीच ‘उत्तराखंड और प्रशासन का नया नजरिया’ इस विषय पर मॉडरेटर आरजे काव्य ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Rudraprayag DM Mangesh Ghildiyal) और पौड़ी के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल से तमाम पहलुओं पर सवाल किए। इस दौरान दोनों ही जिलाधिकारियों ने अपने-अपने तरीके से प्रवासियों कामगारों के हित की ढेरों बातें बताईं।
बाहर से अच्छी बचत कर सकते हैं प्रदेश में रहकर..
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कोरोना संक्रमण के चलते चुनौतियां काफी बढ़ी है। इस पीरियड के बाद समस्याएं और भी आएंगी और इसके लिए नई-नई तकनीकों पर विचार करना होगा। नए संसाधनों पर फोकस करना होगा। स्थानीय युवा और प्रवासी कामगारों को ध्यान में रख कर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को समझना होगा कि बाहर जाने की बजाए यहीं पर रहकर वह अच्छी कमाई और बचत भी कर सकते हैं।
ग्लैमर खींच ले जाता है बाहर
डीएम रुद्रप्रयाग ने कहा कि वास्तव में एक ग्लैमर है जो युवाओं को प्रदेश से बाहर की ओर खींच ले जाता है। हमने एक सेमिनार कराया और हरिद्वार और रुद्रपुर में 5 युवाओं को बुलाया जो जॉब करते हैं, यहां के स्थानीय कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले युवा किसानों को बुलाया और उन्हें बोलने का मौका दिया। कुल कमाई के हिसाब से देखने पर पता चला कि हमारे यहां के किसानों की आय और बचत दो से तीन गुना ज्यादा है। हमारे युवा जो बाहर हैं, आज हालत यह है कि एक महीने सर्वाइव करने के बाद उनके पास कुछ नहीं बचा हुआ है।
पढ़ें- उत्तराखंड में चीन बॉर्डर तक भारत ने बनाई सड़क, कैलास मानसरोवर यात्रियों को फायदा
6,000 लोग लौट चुके हैं रुद्रप्रयाग
उन्होंने कहा कि अलग-अलग जगहों से फोन आ रहे हैं कि हमारे पास कुछ नहीं बचा। हमारे यहां 6,000 लोग अब तक पहुंच चुके हैं। हम 42 बिंदुओं पर सर्वे करा रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि हम आगे यह लोगों को बताना और तुलना करके दिखाना चाहते हैं कि बाहर की जो उनकी लाइफ थी वो सर्वाइव करने के लिए थी पर एक अच्छी लाइफस्टाइल के लिए पर्याप्त नहीं थी। हम उन्हें समझा सकते हैं कि वे सुबह 7 देर तक काम करते हैं और फिर 8000 या 10 हजार रुपये पाते हैं। अगर अपने खेतों में उसकी आधी मेहनत भी करें तो बेहतर जीवन जी सकते हैं और बचत भी अच्छी होगी।
पौड़ी के DM बोले, कोरोना के साथ जीना होगा
पौड़ी के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि यह फेज तो चला जाएगा, अब हमें कोरोना के आगे के दौर के लिए अपने प्रवासी बेरोजगारों के लिए सोचना होगा। पौड़ी में जो लोग आ रहे हैं, उन पर ध्यान देना होगा। हमें इस कोरोना के साथ रहना सीखना होगा। डेंगू और ऐसी कई बीमारियों का समय आता है और चला जाता है। जो लोग पौड़ी लौट आए हैं, उनके लिए सोचना होगा कि आखिर हम उनके लिए क्या कर सकते हैं जिससे वे वापस न जाएं। पौड़ी जिले में आज की तारीख में 15 हजार के करीब लोग आए हैं।
पौड़ी के जिलाधिकारी ने बताया कि हमने ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी के माध्यम से सर्वे कराया गया है, जिसमें 9,483 लोगों का अभी तक आंकड़ा आ गया है। 1260 लोग ऐसे हैं, जो वापस जाना चाहते हैं। 4,469 लोग अभी तय नहीं कर पाएं हैं कि वे जाएंगे या रहेंगे। बचे हुए 2754 लोग जॉब चाहते हैं। अब उसमें भी कृषि, बागवानी पशुपालन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों का जिक्र किया गया। हम लोग अपने विभागों के जरिए सबसे पहले उन लोगों तक पहुंच बनाएंगे जो प्रदेश में रहने के इच्छुक हैं, उन्हें उनके हिसाब से काम आदि उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम में ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल को भी शामिल होना था पर वह किसी जरूरी कारण से जुड़ नहीं सके।
पूरा लाइव शो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें….
Please accept YouTube cookies to play this video. By accepting you will be accessing content from YouTube, a service provided by an external third party.
YouTube privacy policy
If you accept this notice, your choice will be saved and the page will refresh.
1 Comment
ई-रैबार : पहाड़ में पहाड़ी अफसर ही तैनात हों? दबंग DM ने दिया यह जवाब - Hill-Mail | हिल-मेल
May 9, 2020, 1:18 pm[…] […]
REPLY