सैटेलाइट फोन का आमतौर पर इस्तेमाल सेना या अन्य सुरक्षाबलों या फिर सरकारी एजेंसियों द्वारा ही किया जाता रहा है लेकिन चीन बॉर्डर पर तनाव के बीच उत्तराखंड के कई गांवों में संचार नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए ये खास फोन बांटे गए हैं।
उत्तराखंड में चीन बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। चमोली जिले में चीन की सीमा से लगी नीती घाटी के 16 गांवों में आसानी से बातचीत को सुनिश्चित करने के लिए नि:शुल्क सैटेलाइट फोन बांटे गए हैं। स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एसडीआरएफ) की ओर से इन खास फोन को बांटा गया है। सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल गांववालों के साथ ही सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान और पर्यटक भी कर सकेंगे।
बातचीत करने पर 12 रुपये प्रति मिनट के हिसाब से शुल्क ग्राम प्रधान के पास जमा कराना होगा। एसडीआरएफ ने नीती घाटी के 16 गांवों में संचार समस्या को देखते हुए ग्राम प्रधानों को सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराए हैं। रविवार को घाटी के कोषा, गरपक व नीती समेत छह ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने एसडीआरएफ के अधिकारियों से जोशीमठ तहसील में सैटेलाइट फोन प्राप्त किए। अब घाटी के गांव संचार सुविधा से जुड़ गए हैं।
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अधिकारियों ने बताया है कि सैटेलाइट फोन पर इनकमिंग व आउटगोइंग कॉल की दर 12 रुपये प्रति मिनट निर्धारित है। यह फोन सीमा से लगे उन सभी गांवों में बांटे जा रहे हैं, जहां संचार सेवाओं का अभाव है। गरपक के प्रधान पुष्कर सिंह राणा ने सैटेलाइट फोन से सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों को जोड़ने की पहल की प्रशंसा की लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कॉल दर में छूट दी जानी चाहिए।
उत्तराखंड एसडीआरएफ की कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने हिल-मेल को बताया कि दूसरे चरण में चीन सीमा से सटे नीती घाटी के गांवों को सैटेलाइट फोन बांटे गए हैं। इससे पहले, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती गांवों में भी ये फोन बांटे गए हैं। क्या सीमाई गांवों में सैटेलाइट फोन बांटने की वजह चीन के साथ चल रहा हालिया तनाव है? उस पर तृप्ति भट्ट ने कहा कि डिजॉस्टर मैनेंजमेंट रिस्पांस के लिए राज्य सरकार की पहल के तौर पर ऐसा किया गया है। इसका उद्देश्य सुदूरवर्ती गांवों में कनेक्टीविटी बनाना है। चीन विवाद के समय इनका वितरण महज एक संयोग है।
सैटेलाइट फोन पर बात करने के 12 रुपये प्रति मिनट चार्ज होने पर घाटी के ग्राम प्रधानों ने कॉल दर एक रुपये किए जाने की मांग उठाई है। एसडीआरएफ के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मांग को उच्च अधिकारियों के सामने रखेंगे।
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