मोटे अनाज पर पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दिखाया ग्रामीणों को मार्ग

मोटे अनाज पर पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दिखाया ग्रामीणों को मार्ग

विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की विशेषज्ञ टीम ने सितारगंज ब्लॉक के तीन गांव — सिसौना, जगतारपुर और गोविंदनगर का भ्रमण कर किसानों एवं ग्रामीण समुदाय से सीधा संवाद किया। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को जैविक खेती, मोटे अनाज की खेती, फसलों की उन्नत किस्मों, आधुनिक कृषि तकनीकों तथा सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय से डॉ. बी. डी. सिंह, प्राध्यापक सस्य विज्ञान; डॉ. अर्पिता शर्मा कांडपाल, सहायक प्राध्यापक कृषि संचार विभाग; एवं डॉ. स्वाति, प्राध्यापक पादप प्रजनन एवं आनुवंशिकी उपस्थित रहे। साथ ही कृषि विभाग, मत्स्य विभाग एवं गन्ना विभाग के अधिकारीगण भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. बी. डी. सिंह ने कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के उपायों, फसल प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों और मोटे अनाज की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज पोषण से भरपूर होने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को झेलने में भी सक्षम हैं, अतः इनका उत्पादन किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

डॉ. अर्पिता शर्मा कांडपाल ने ग्रामीण महिलाओं की कृषि में भागीदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि महिलाएं कृषि आधारित उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाएं, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त बन सकती है। उन्होंने मोबाइल ऐप्स, नवाचारों और संचार माध्यमों के माध्यम से महिलाओं को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. स्वाति ने किसानों को जैविक कीट नियंत्रण की विधियों की जानकारी दी और बताया कि ये न केवल सरल और सस्ती हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। उन्होंने रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैविक उपायों को अपनाने पर ज़ोर दिया, जिससे मिट्टी की उर्वरता और फसलों की गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों ने वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी की सराहना की और आग्रह किया कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएं, ताकि उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों और योजनाओं की जानकारी निरंतर मिलती रहे।

इसके अलावा यह कार्यक्रम रुद्रप्रयाग जिले में भी आयोजित किया गया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत रुद्रप्रयाग जिले के क्यूरी गांव (अगस्त्यमुनि ब्लॉक, न्याय पंचायत चोपता) में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र, जाखधार के सहयोग से आयोजित संकल्प अभियान में केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अंकित डोंगरियाल ने पर्वतीय क्षेत्रों हेतु आधुनिक औद्यानिकी तकनीकियों की जानकारी दी।

इस मौके पर पंतनगर विश्वविद्यालय से आए डॉ. अमित केसरवानी ने प्राकृतिक खेती की जानकारी दी, जिसमें पौध संरक्षण के प्रमुख अवयवों जैसे हर्बल कुनाप जल, अग्निअस्त्र इत्यादि को प्रयोग में लाने पर विशेष जोर दिया। डॉ. आई.डी. पांडेय ने पारिस्थितिकी संतुलन की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्रों हेतु समेकित खेती की आधुनिक प्रणालियों को विस्तार से बताया। राज्य सरकार के रेखीय विभागों द्वारा भी अपने विभाग द्वारा कृषकों हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का संचालन कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी आशीष तड़ियाल द्वारा किया गया। इस मौके पर क्यूरी गांव की ग्राम प्रधान बबली देवी सहित शशि देवी, विश्वेष्वरी देवी, संतोष कुमार इत्यादि ग्रामीण मौजूद रहे।

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