राज्य के मौजूदा चीफ सेक्रटरी जुलाई में रिटायर हो रहे हैं उनके बाद राज्य में ओम प्रकाश ही हैं। 1985 बैच के अनूप वधावन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उनके राज्य में आने की संभावना कम है, क्योंकि उत्तरांखड छोटा राज्य है और आमतौर पर केंद्र में सचिव बनने के बाद कम ही अफसर राज्य में वापस लौटे हैं। हिल-मेल कंट्रीब्यूटर टी. हरीश का विश्लेषण…।
उत्तराखंड में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा नौकरशाही के नए बॉस यानी चीफ सेक्रेटरी को लेकर हो रही है। अभी राज्य के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी उत्पल कुमार सिंह का कार्यकाल लगभग एक महीने से कुछ ज्यादा बचा हुआ है। लेकिन राज्य की नौकरशाही में चर्चाएं हैं। हालांकि फैसला सरकार को कहना है। फिलहाल सबकुछ ठीक रहा तो अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को राज्य सरकार चीफ सेक्रेटरी बना सकती है। इसके राजनैतिक कारण भी हैं। असल में राज्य में 2022 तक चुनाव होने हैं और ओम प्रकाश 2022 को रिटायर होंगे। जिसको लेकर ओम प्रकाश सरकार के लिए ज्यादा मुफीद हैं।
चर्चा ये भी है कि सरकार उत्पल कुमार सिंह को रिटायरमेंट के बाद किसी आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। वहीं अगर ऐसा होता है तो राज्य में चीफ सेक्रेटरी के पद के लिए महज दो दावेदार रहेंगे। अगर सरकार वरिष्ठता सूची के तहत चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति करती है तो 1987 बैच के ओम प्रकाश के नाम पर मुहर लगना तय है। राज्य के मौजूदा चीफ सेक्रटरी जुलाई में रिटायर हो रहे हैं उनके बाद राज्य में ओम प्रकाश ही हैं। 1985 बैच के अनूप वधावन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उनके राज्य में आने की संभावना कम है, क्योंकि उत्तरांखड छोटा राज्य है और आमतौर पर केंद्र में सचिव बनने के बाद कम ही अफसर राज्य में वापस लौटे हैं। हालांकि अन्य प्रदेश में केंद्र में सचिव बनने के बाद आईएएस अफसर राज्य में चीफ सेक्रटरी बने हैं। लेकिन अभी तक उत्तराखंड में ये परिपाटी शुरू नहीं हुई है।
ओम प्रकाश ही क्यों हैं फ्रंट पर
असल में राज्य में उत्पल कुमार सिंह के बाद ओम प्रकाश सबसे वरिष्ठ हैं। उनसे वरिष्ठ अनूप बधावन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। ओम प्रकाश राज्य बनने के बाद से ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राज्य के बारे में फिलहाल उनसे बेहतर कोई और समझ नहीं रखता है। राज्य की आर्थिक, भौगौलिक और राजनैतिक स्थितियों के बारे में वह सबसे ज्यादा जानकारी रखते हैं। ओम प्रकाश यूपी में कई जिलों में जिलाधिकारी भी रहे हैं, जो आमतौर पर चीफ सेक्रेटरी के लिए पैमाना माना जाता है।
वहीं दो साल के बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं और वह मई 2022 में रिटायर होंगे। लिहाजा सरकार भी चाहेगी कि चीफ सेक्रेटरी चुनाव संपन्न कराने के बाद ही रिटायर हों। क्योंकि बीच में चीफ सेक्रेटरी का बदला जाना सरकार के हित में नहीं होगा। हालांकि कई राज्य सरकारों ने कई बार जूनियर अफसर को चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया है। लेकिन उत्तराखंड के हालत को देखते हुए ऐसा संभव नहीं है और सरकार का जो पैरामीटर है, ओम प्रकाश सभी पर खरा उतरते हैं।
राज्य में महिला अफसर नहीं बनी है चीफ सेक्रेटरी
राज्य में अभी तक 15 आईएएस चीफ सेक्रेटरी बन चुके हैं। लेकिन कोई भी महिला अफसर चीफ सेक्रेटरी नहीं बनी है। इस बार राज्य में 1988 बैच की आईएएस अफसर राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव के पद पर हैं। हालांकि चीफ सेक्रेटरी की दौड़ में उनसे ओम प्रकाश वरिष्ठ हैं। लेकिन आधी आबादी को लुभाने के लिए राज्य सरकार इतना बड़ा दांव खेलेगी, इस पर अभी कई सवाल हैं..।
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