2020 के चारधाम यात्रा सीजन के दौरान बाबा केदारनाथ के कपाट भले ही 29 अप्रैल को खुलने हों, लेकिन केदारपुरी में यात्रा मार्ग में जमी बर्फ को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी डीडीएमए
2020 के चारधाम यात्रा सीजन के दौरान बाबा केदारनाथ के कपाट भले ही 29 अप्रैल को खुलने हों, लेकिन केदारपुरी में यात्रा मार्ग में जमी बर्फ को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी डीडीएमए की देखरेख में वुड स्टोन कंपनी यहां बर्फ हटाने का काम कर रही है।
शुक्रवार को दोपहर साढ़े बारह बजे तक मजदूरों ने रामबाड़ा से छोटी लिनचोली के बीच रास्ते में जमी बर्फ को हटाया लेकिन दोपहर बाद हिमपात होने से काम रोकना पड़ा। इस समय 60 मजदूर बर्फ हटाने के काम में जुटे हैं। केदारनाथ के मार्ग में कई जगह पर 10 से 15 फीट की बर्फ की मोटी परत है। मजदूरों को इस परत को काटकर रास्ता तैयार करना है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर यात्रा मैनेजमैंट फोर्स के जवानों और डीडीएमए ने गौरीकुंड से भीमबली तक के मार्ग पर गिरी हल्की बर्फ हटाई है। आगामी यात्रा की शुरुआती तैयारियों को लेकर रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने हिल-मेल को बताया कि प्रशासन के सभी विभाग सक्रिय रूप से तैयारियां कर रहे हैं। उम्मीद है कि 25 मार्च तक केदारनाथ तक का मार्ग तैयार कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यात्रा की सभी जरूरी तैयारियों के साथ-साथ इस बार घोड़े-खच्चर की लीद के मैनेजमेंट और सही जगह निपटान की व्यवस्था की जा रही है, ताकि यात्रा मार्ग पर कोई गंदगी न दिखे। यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के बारे में जिलाधिकारी ने कहा कि हमने पिछले साल प्लास्टिक के रेनकोट को कुछ हद तक बैन किया था, इस बार यह पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। हमारी कोशिश होगी की यात्रा अच्छी क्वॉलिटी का रेनकोट इस्तेमाल करें। हमारी कोशिश है कि यात्रा मार्ग पर सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को कम से कम किया जाए।
इधर वुड स्टोन के प्रभारी मनोज सेमवाल ने हिल-मेल को बताया कि अभी रामबाड़ा से केदारनाथ के बीच 8.5 किलोमीटर के रास्ते में बर्फ को काटा जा रहा है। 29 फरवरी को हमारी 15 आदमियों की टीम ने छोटी लिनचोली में कैंप बनाकर काम शुरू किया। हमारी योजना था कि कैंप बनने के बाद हम 3.5 किलोमीटर की दूरी पर छानी में दूसरा कैंप बनाएंगे। जैसे ही इन जगहों पर हमारे कैंप पूरी तरह लग जाएंगे हम मजदूरों की संख्या को बढ़ा देंगे। अभी करीब 60 मजदूर बर्फ हटाने के काम में जुटे हैं, अगले कुछ दिन में 100 से 150 मजदूरों को बर्फ हटाने के काम में लगाया जाएगा। केदारनाथ तक का रास्ता कब तक साफ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करेगा।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मौसम खराब होने के चलते बर्फ हटाने के काम में रुकावट आई है। अगर आगे हिमपात नहीं होता है तो हम इस महीने के अंत तक काम पूरा कर लेंगे। हमारी अगली टीम केदारनाथ पहुंचेगी।
सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ में बुडस्टोन का सबसे महत्वपूर्ण काम आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि के निर्माण है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि उसमें लगभग 8 से 10 फीट तक बर्फ जमी होगी। बाकी जगह की बर्फ को हटाया जा सकता है लेकिन समाधि काफी गहरी है, इसलिए वहां की बर्फ को हटाना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। हमें जल्द से जल्द वहां काम करने वालों की संख्या बढ़ानी होगी। इसलिये हमारा जोर जल्द से जल्द अपनी टीम को केदारनाथ भेजने पर है। अभी वहां सारी मशीनें पैक हैं। अप्रैल अंत तक भी समाधि के काम को शुरू करना चुनौतीपूर्ण होगा।
श्रद्धालुओं को केदारनाथ के रास्ते में आरओ वॉटर की सुविधा देने के लिए हंस फाउंडेशन खास व्यवस्था कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा सीजन के दौरान पूरे मार्ग पर यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर ली जाएगी। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यात्रा शुरू होने में दो महीने से कम के समय को देखते हुए तैयारियां तेजी से करने के निर्देश दिए हैं।
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