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23 अप्रैल 1930 को स्वाधीनता आंदोलन के दौरान पेशावर में जब पठान लोग आंदोलन कर रहे थे तब अंग्रेज अफसर रिकेट ने हुक्म दिया, “गढ़वाली श्री राउंड फायर”, अर्थात् गढ़वाली तीन राउंड गोली चलाओ। हवलदार चन्द्र सिंह रिकेट की बायीं ओर खड़े थे।
READ MORE127 प्रादेशिक सेना 1982 से ही उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और मिट्टी के संरक्षण का काम कर रही है। इस बटालियन ने मसूरी की पहाड़ियों, बद्रीनाथ धाम तथा नमामि गंगे परियोजनाओं के अंतर्गत उत्तराखंड के कई हिस्सों में वृक्षारोपण का काम किया है। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को मिलता है।
READ MOREउत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून के युवाओं के लिए 14-27 मई, 2020 के बीच कोटद्वार में विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह कैंप में भर्ती रैली का आयोजन होना था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस भर्ती रैली को रद्द कर दिया गया था।
READ MOREलद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को चार महीने का समय पूरा हो चुका है। तब से लेकर अब तक लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाएं युद्ध के लिए तैयार बैठी हैं। लेह से 200 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख के चुमार डेमचौक सीमा पर भारतीय सेना के जवान और टैंक चीन के छक्के छुड़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
READ MOREमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने शहीद राजेंद्र सिंह के माता-पिता, पत्नी और दूसरे परिजनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शहीद को सम्मान देने के साथ-साथ राज्य सरकार उनकी पत्नी को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देगी।
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23 अप्रैल 1930 को स्वाधीनता आंदोलन के दौरान पेशावर में जब पठान लोग आंदोलन कर रहे थे तब अंग्रेज अफसर रिकेट ने हुक्म दिया, “गढ़वाली श्री राउंड फायर”, अर्थात् गढ़वाली तीन राउंड गोली चलाओ। हवलदार चन्द्र सिंह रिकेट की बायीं ओर खड़े थे।
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