शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे।
सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड में पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांव पहुंचकर शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा की शहीद के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी।
उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीद के गांव जाने वाला मोटर मार्ग धारकोट-इठूड का नाम तथा राजकीय इंटर कॉलेज चम्पेश्वर का नाम शहीद विपिन सिंह गुसाईं के नाम पर की जाएगी।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने शहीद जवान विपिन सिंह को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे।
शहीद विपिन सिंह के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है।
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