कोटद्वार के लोग कई सालों से मांग कर रहे थे कि कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। उनकी यह मांग अब पूरी होने वाली है। कुछ सालों के बाद अब कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय खुल जायेगा। इसके लिए सरकार की ओर से एक एकड़ की भूमि प्रदान की गई है।
कोटद्वार में नये केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए प्रस्तावित भूमि को निःशुल्क उपलब्ध कराने हेतु आज कैबिनेट में पारित अहम निर्णय पर कोटद्वार विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने सांसद अनिल बलूनी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का भी धन्यवाद किया।
विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने अपने संदेश में कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए धन्यवाद देती हूं। साथ ही केंद्रीय विद्यालय के लिए लगातार मेरे साथ प्रयासरत रहे गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का भी आभार व्यक्त करती हूं। कोटद्वार की जनता बहुत लंबे समय से केंद्रीय विद्यालय की मांग कर रही है। वर्ष 2022 में अपने चुनाव के दौरान मैंने कोटद्वार की जनता से यह वादा किया था कि यहां केंद्रीय विद्यालय मैं बनाऊंगी।
आज हम इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गये हैं। अब जल्द हीं यहां केंद्रीय विद्यालय शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा की हमारे क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय के स्थापना से हमारे बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी। इस निर्णय से कोटद्वार में शिक्षा के विकास की गति तेज होगी और कोटद्वार के बच्चे-बच्चियों को उच्च कोटि कि शिक्षा प्राप्त होगी। ऋतु खण्डूडी भूषण ने केंद्रीय विद्यालय के लिए प्रयासरत सभी संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का भी धन्यवाद किया।
उत्तराखंड में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय विद्यालयों की अहम भूमिका है। हर साल हजारों बच्चे केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने का सपना देखते हैं, लेकिन सफल कुछ ही होते हैं। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खोलने की पहल की थी। केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली ने राज्य सरकार को तय मानक के अनुसार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने को कहा था।
राज्य के हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खोलने की पहल को ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के बाद राज्य के लिए पीएम मोदी की दूसरी सबसे बड़ी सौगात माना गया था, लेकिन तब केंद्रीय विद्यालयों के लिए तय मानक के अनुसार भूमि नहीं मिल पाई। शासन के मुताबिक, हर जिले में अब कम से कम दो नए केंद्रीय विद्यालय खुल सकें, इसके लिए पिछले साल सभी जिलाधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए थे।
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