काशीपुर में पंजाब के तीन गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया है। 30 बोर की पिस्टल, 71 कारतूस और मैग्नम पिस्टल के खोखे बरामद की गई हैं। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर यहां 10 दिन से छिपे हुए थे। मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से 15 राउंड फायरिंग की गई।
उत्तराखंड के काशीपुर में बड़ा एनकाउंटर हुआ है। पंजाब से भागकर यहां गुलजारपुर गांव में छिपे तीन गैंगस्टरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। एक संयुक्त ऑपरेशन में स्पेशल टास्क फोर्स की कुमाऊं यूनिट CO पूर्णिमा गर्ग और 16 सदस्यीय एसटीएफ तथा पंजाब के संगठित अपराध नियंत्रण यूनिट के इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र सिंह और 10 सदस्यीय टीम ने गुलज़ारपुर गांव, काशीपुर के फार्म हाउस में बदमाशों से मुठभेड़ में बड़ी सफलता हासिल की। इस कार्रवाई में पंजाब के 3 खूंखार गैंगस्टर ऑटोमेटिक हथियारों के साथ गिरफ्तार किए गए।
बमभय्या गिरोह से कनेक्शन
बताया जा रहा है कि तीनों करीब 6 साल से पंजाब के कुख्यात देवेंद्र बमभय्या गिरोह से जुड़े थे। गिरोह का सरगना काफी पहले पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। ये 22 जून को पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर कुलवीर सिंह नरवाना पर फायरिंग के बाद से फरार हो गए थे।
फार्म हाउस में सर्च ऑपरेशन कर पिस्टल एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया गया है। दोनों तरह से दो दर्जन करीब राउंड फायरिंग की गई। गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण इस प्रकार है।
1- संदीप सिंह उर्फ भल्ला शिखू पुत्र अंग्रेज सिंह निवासी भटिंडा पंजाब, जिस पर 7 अभियोग पंजीकृत हैं।
2- फतेह सिंह उर्फ युवराज पुत्र बलजिन्दर सिंह निवासी संगरुर पंजाब, जिस पर 28 अभियोग पंजीकृत हैं। दोनों अभियुक्त द्वारा कुलवीर सिंह उर्फ बीरा उर्फ साधू सिंह निवासी नरुआना भटिंडा में गोली चलाई गई थी और दोनों फरार हो गए थे। (मु0अ0सं0-128/21 धारा 307/427/336/341/506/120बी/34 भादवि एंव 25/54/59 आर्म्स एक्ट भटिंडा
3- अमनदीप, जिसके विरुद्ध 9 अभियोग पंजीकृत है।
4- जगवंत, जिसका लोकल एक फॉर्म हाउस है और जिसने इन्हें आश्रय दिया था।
उत्तराखंड के लिए भी था खतरा
आशंका यह भी थी कि हत्या, लूट और फिरौती वसूलने वाले ये तीनों गैंगस्टर अगर गिरफ्तार न किए जाते तो उत्तराखंड में भी किसा वारदात को अंजाम दे सकते थे। इनके पास मौजूद ऑटोमेटिक हथियारों से लोगों को खतरा हो सकता था। सवाल यह जरूर खड़ा होता है कि काशीपुर पुलिस की चेकिंग के बाद भी ये असलहे लेकर यहां कैसे पहुंच गए। कहां चूक हुई।
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