भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 34 वर्ष से भी अधिक समय तक कोस्ट गार्ड में अपनी सेवाएं दीं।
भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल का निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद चेन्नई के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। राकेश पाल ने पिछले साल 19 जुलाई को भारतीय तटरक्षक बल के 25वें महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ आईसीजी कार्यक्रम में भाग लेना था, लेकिन इसी बीच बेचैनी की शिकायत के बाद दिन में राजीव गांधी जनरल अस्पताल (आरजीजीएच) में उन्हें भर्ती कराया गया था।
रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल के चेन्नई में असामयिक निधन पर गहरा दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि वह एक सक्षम और प्रतिबद्ध अधिकारी थे जिनके नेतृत्व में आईसीजी भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी तेजी से लगा हुआ था। उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।
34 वर्षों से अधिक के अपने विशिष्ट करियर में राकेश पाल समुद्र और तट पर कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त रहे। वह तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पश्चिम) के कमांडर, उप महानिदेशक (नीति और योजना) और नई दिल्ली में तटरक्षक मुख्यालय में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
इसके अलावा उन्होंने तटरक्षक मुख्यालय में निदेशक (इंफ्रा और वर्क्स) और प्रधान निदेशक (प्रशासन) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित स्टाफ पदों पर भी कार्य किया। उन्हें विशाल समुद्री अनुभव के लिए जाना जाता था और उन्होंने समर्थ, विजित, सुचेता कृपलानी, अहल्याबाई और सी-03 जैसे भारतीय तट रक्षक जहाजों की सभी श्रेणियों की कमान संभाली थी।
फरवरी 2022 में बने अतिरिक्त महानिदेशक
राकेश पाल ने गुजरात में दो तटरक्षक अड्डों – ओखा और वाडिनार की भी कमान संभाली। फरवरी 2022 में उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया। उनके कार्यकाल के दौरान तटरक्षक बल ने कई प्रमुख ऑपरेशन और अभ्यास किए, जिनमें ड्रग्स और नशीले पदार्थों और करोड़ों रुपये के सोने की जब्ती शामिल थी।
कुछ समय पहले हिल-मेल ने राकेश पाल का इंटव्यू किया था। उन्होंने अपने इंटव्यू में कहा था कि भारतीय तटरक्षक बल के मुखिया के रूप में मेरा प्रमुख कर्त्तव्य तटरक्षक बल को हमारे कार्य क्षेत्र (सागर) में से उत्पन्न होने वाले हर प्राकृतिक या मानव निर्मित खतरों के प्रति सतर्क और तैयार रखना है, और इस दिशा में अपने दायित्व को पूरा करने और समुद्री क्षेत्रों में अपने राष्ट्रीय हितों को संरक्षित करने के लिए प्रतिदिन औसतन 45-50 पोत और लगभग 10-12 विमान हर पहर हमारे सागर व तटों की निगरानी के लिए तैनात रहते हैं। हमारा प्रयास रहा है, कि हम उपलब्ध संसाधनों से अपने सामुद्रिक हितों की सुरक्षा और हर उभरती चनौतियों के समाधान के प्रति सदैव तत्पर रहें।
उन्होंने कहा कि 157 जहाजों, 78 विमानों और लगभग 16,045 कर्मियों के साथ भारतीय तटरक्षक अपने विशाल कार्य क्षेत्र में जो कि हमारे कुल थलीय क्षेत्र का लगभग 1.5 गुना है, में समुद्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। आधुनिक और अपरंपरागत समुद्री चुनौतियां जैसे पारदेशीय आतंकवाद, प्रतिबंधित और मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध मानव प्रवास, सागरीय प्रदूषण, गैरकानूनी अथवा प्रतिबंधित मछली पकड़ना, प्रतिबंधित समुद्री प्रजातियों की अवैध तस्करी और निरंतर और असममित खतरों एवं कई अन्य प्रकार की चुनौतियों के त्वरित उत्तर के लिए तटरक्षक बल सदैव तत्पर रहे, यही मेरी सदैव सर्वोपरि प्राथमिकता रहेगी।
डीजी कोस्ट गार्ड ने बताया कि विगत वर्ष तस्करों के लिए अत्यंत कठिन रहा है, क्योंकि भारतीय तटरक्षक ने विभिन्न खुफिया सूचनाओं पर आधारित ऑपरेशनों में सफलतापूर्वक लगभग 623 किलोग्राम नशीले पदार्थों को जब्त किया है, जिनकी कीमत 1,276.5 करोड़ रुपये है। भारतीय तटरक्षक ने स्थापना से अभी तक कुल 15,103.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्यों की ड्रग्स को जब्त किया है। अंतरराष्ट्रीय अपराधों के सन्दर्भ में भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सर्वोपरि है।
पड़ोसी देशों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के प्रभावी समन्वय के साथ-साथ तटरक्षक की सागरीय सतर्कता के कारण, समुद्री मार्ग से मानव तस्करी तंत्र पर भी काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। इसके लिए सभी उपलब्ध आधुनिक संसाधनों के माध्यम से निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
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