मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया।
एक रुपये में पीने के पानी का कनेक्शन योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा पाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब जल जीवन मिशन को लेकर एक्शन मोड में हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया। इस सूचना से जिलाधिकारी, शासन को भी नियमित रूप से अवगत कराएं। रोजाना के टॉरगेट तय कर मिशन मोड में काम किया जाए।
जल जीवन मिशन
लक्ष्य – दिसम्बर 2021 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन पहुंचाना
वित्तीय वर्ष 2020-21 – कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए गए।
उत्तराखंड में कुल गांव – 15218
पानी से महरूम गांव – 623
गांवों में कुल घर – 14,61,910
पानी का कनेक्शन – 2,78,124
- देहरादून और बागेश्वर के जिन गांवों में पानी की लाइन पहुंचीहै, वहां 25 दिसम्बर, 2020 तक पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना है।
- अल्मोड़ा, चंपावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाइन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों को पानी का कनेक्शन।
- हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले में 31 मार्च 2021 तक पूरा कर ना है लक्ष्य।
- सभी एससी और एसटी गांवों को इस योजना में मार्च 2021 तक कवर करना है। जिन गांवों में पानी की लाइन नहीं है, वहां 30 सितम्बर 2021 तक है डेडलाइन
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रमुख कार्यक्रम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में पानी का कनेक्शन के साथ ही समुचित पेयजल की उपलब्धता और इसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी है। इसमें सभी को मिलकर अधिक मेहनत और कमिटमेंट के साथ काम करना होगा। जल्द से जल्द विलेज एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप काम किया जाए। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रुपये में पानी का कनेक्शन दिए जाने की प्रशंसा कर हम सभी का उत्साह बढ़ाया है। अब हमें दोगुने उत्साह से काम करना है।
100 दिनों में सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार 2 अक्टूबर से 100 दिनों के अंदर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिसम्बर 2021 तक हर ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन
सचिव पेयजल नीतेश झा ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चार माइलस्टोन निर्धारित किए गए हैं। पहले माइलस्टोन के तहत लक्ष्य को और भी कम समय में हासिल करने की योजना है। अब प्रत्येक ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन दिसम्बर 2021 तक पहुंचाना है। इस वित्तीय वर्ष में कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल गांव 15218 हैं। इनमें से 623 गांव ऐसे हैं जहां पानी की लाइन नहीं गई है। जबकि कुल 14,61,910 घरों में से 2,78,124 घरों में पानी का कनेक्शन है। देहरादून और बागेश्वर के जिन गांवों में पानी की लाइन पहुंची हुई है, वहां इस वर्ष 25 दिसम्बर सुशासन दिवस तक सभी ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना है। अल्मोड़ा, चंपावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाइन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करवा देना है। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले को यह लक्ष्य 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लेना है। सभी एससी व एसटी गांवों को मार्च 2021 तक कवर करना है। जिन गांवों में पानी की लाइन नहीं है, वहां 30 सितम्बर 2021 तक लक्ष्य हासिल करना है।
प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की उपलब्धता
पेयजल सचिव ने बताया कि दूसरे माइलस्टोन के तहत पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी सुनिश्चित किया जाएगा। तीसरे माइलस्टोन के तहत पेयजल की क्वालिटी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें भारत सरकार के पानी की गुणवत्ता के बीआईएस : 10500 मानक को पूरा किया जाएगा। इसके लिए वाटर क्वालिटी लैब स्थापित कर उनकी मान्यता एनएबीएल से ली जाएगी। सभी वाटर लैब आम जन के लिए खुली रहेंगी। इनमें कोई भी व्यक्ति आकर अपने पानी के सैम्पल की गुणवत्ता की जांच करा सकेगा। ग्रामीण स्तर पर फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए कुछ ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
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