अयोध्या में बने दो विश्व रिकॉर्ड, 35 मिनट में जलाए गए 25 लाख से अधिक दीये और 1121 अर्चकों ने एक साथ की सरयू महाआरती

अयोध्या में बने दो विश्व रिकॉर्ड, 35 मिनट में जलाए गए 25 लाख से अधिक दीये और 1121 अर्चकों ने एक साथ की सरयू महाआरती

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी दीयों से जगमगा उठी। आज अयोध्या में दीपोत्सव के मौके पर गिनीज बुक रिकॉर्ड बना। अयोध्या में 25 लाख से ज्यादा दीप जलाये गये जो कि सबसे ज्यादा दिये जलाने का रिकॉर्ड है।

दीपावली के पावन अवसर पर अयोध्या दीपोत्सव में दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज हुए हैं। एक तो 1121 अर्चकों ने एक साथ सरयू महाआरती की गई। इसी के साथ 25 लाख से अधिक दीप जले। रामलला की मौजूदगी में पहले दीपोत्सव पर इस बार योगी सरकार ने अनूठी पहल की है। पहली बार 1121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अविरल सरयू तीरे बने घाट पर मैया की आरती की। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और महाआरती के संयोजक महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी की मौजूदगी में 1600 साधु-संत, वेदाचार्य व अर्चकों ने पुण्य सरयू की महाआरती की। 1121 वेदाचार्य एक ही रंग के परिधान में एक स्वर में सरयू मैया की आरती करते रहे। इसमें एक तरफ जहां आध्यात्मिकता का रंग था, वहीं दूसरी तरफ यह अनूठा आयोजन जनमानस में योगी सरकार की छवि को और निखार रहा था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसकी घोषणा भी की।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी के संत-महंत खासतौर पर उल्लासित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा मानो फिर से त्रेता युग लौट आया हो। इस पर्व को उन्होंने आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर बताया। संतों ने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान की भूरी भूरी सराहना की।

इस मौके पर संत समाज ने योगी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीरामलला के पुनः अपने महल में विराजमान होने का यह दिव्य अवसर सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। संतों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से संजीवित किया है। इससे संपूर्ण संत समाज में प्रसन्नता है।

दीपावली सनातन धर्म का आधार

दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार है। इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम में पुनः आगमन हुआ है। यह दीपोत्सव प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर है। इससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं। आज अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है, जो त्रेता युग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था।

एक ओर दीयों की दीप्ति से रामकी पैड़ी, भजन संध्या स्थल और चौधरी चरण सिंह घाट आलोकित रहा तो दूसरी ओर सरयू माता भी। एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 1600 श्रद्धावनत भक्त मां सरयू की आरती में आबद्ध रहे। अपनी तरह के पहले आयोजन पर एक साथ दो विश्व कीर्तिमान बना कर सरयू माता इतराती और गौरवान्वित होती प्रतीत हुईं। राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल पर एक साथ 25 लाख से अधिक दीये रोशन हुए। लगभग 35 मिनट में यह रिकॉर्ड बना।

एक घंटे के अंदर बने दोनों विश्व रिकॉर्ड

शाम को 06ः20 मिनट पर पुण्य सलिला सरयू की महाआरती शुरू हुई। सरयू आरती में लगभग आधे घंटे का समय लगा। उसके बाद दीप प्रज्वलन शुरू हुआ। दीपों का महाकुंभ व सरयू की महाआरती दोनो विश्व रिकॉर्ड एक ही आयोजन में एक घंटे के अंदर बने। यूं तो दीपोत्सव वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान पहले ही बना चुका है, लेकिन एक साथ दो विश्व कीर्तिमान गढ़ कर पूरे विश्व में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक आयोजन बना है।

अयोध्या में हो रहा दीपावली का यह कार्यक्रम सोशल मीडिया पर भी छाया रहा। सोशल मीडिया पर सबका उत्सव अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली सेलीबिरेशन, जय हनुमान ट्रेंड करता रहा।

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