योगी कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य की पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह आरक्षण पुलिस आरक्षी, पीएसी, घुड़सवार आरक्षी एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में लागू होगा। योगी सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ पूर्व अग्निवीरों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य को प्रशिक्षित, अनुशासित और प्रेरित बल प्राप्त होगा।
उम्र सीमा में भी 3 वर्षों की दी जाएगी छूट
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सेवा के बाद सार्थक अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। आरक्षण सभी श्रेणियों (सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी) पर लागू होगा। अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है, तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा। वहीं, अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर होगा। उन्होंने कहा कि आरक्षी पुलिस, आरक्षी पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन जैसी श्रेणियों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट भी दी जाएगी।
2026 में आएगा पहला बैच, यूपी के युवाओं को सीधा लाभ
उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत भर्ती का पहला बैच 2026 में आएगा। कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने की पहल की है। हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है। वहीं, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। सरकार का यह फैसला न केवल उनकी सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी राष्ट्र के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें।
योगी सरकार ने प्रस्तुत किया उदाहरण
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत पहले बैच के अग्निवीर वर्ष 2026 में सेवामुक्त होकर लौटेंगे। इसके बाद वे सीधे उत्तर प्रदेश पुलिस की इन चार श्रेणियों में भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। जहां केंद्र सरकार और कई राज्यों ने केवल 10% आरक्षण की व्यवस्था की है, वहीं उत्तर प्रदेश ने 20% क्षैतिज आरक्षण देकर उदाहरण पेश किया है।
क्या है अग्निवीर योजना?
अग्निपथ योजना, जिसे केंद्र सरकार ने 2022 में शुरू किया था, भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में युवाओं को चार साल की सेवा के लिए ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती करने की प्रक्रिया है। इस दौरान छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है और सेवा पूरी होने पर प्रदर्शन के आधार पर 25% अग्निवीरों को स्थायी सेवा में रखा जाता है। बाकी 75% युवाओं को अन्य सेवाओं में अवसर तलाशने का रास्ता मिलता है।
योगी सरकार ने निभाया अपना वादा
योजना की शुरुआत के समय ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा किया था कि चार साल की सेवा के बाद लौटने वाले अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और PAC में प्राथमिकता दी जाएगी। अब इस वादे को 20% आरक्षण की नीति लागू करके साकार कर दिया गया है। यह कदम न केवल पूर्व अग्निवीरों को एक स्थायी करियर की दिशा में प्रेरित करेगा, बल्कि सुरक्षा बलों को भी अनुभवी और प्रशिक्षित युवा मिलेंगे।
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