उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के किशनी तहसील की रहने वाली 85 वर्षीय बिट्टन देवी अपने बहू-बेटों से नाराज हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। वृद्ध महिला का कहना है कि उसके तीन बेटे-बहुएं और सात पोते-पोतियां हैं। बहु-बेटे ख्याल नहीं रखते। उन्हें खाना नहीं देते। उनका गुजारा मोदी की दी हुई वृद्धावस्था पेंशन से चलता है।
कोरोना काल में उत्तराखंड की बुजुर्ग महिलाओं द्वारा अपनी जिंदगी भर की पूंजी पीएम केयर फंड में दान देने के कई मामले सामने आए। अब उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक ऐसा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। हालांकि यहां 85 साल की एक बुजुर्ग महिला अपनी 12.5 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करने पर अड़ी है। यही नहीं वह जमीन का बैनामा पीएम मोदी के नाम लिखवाने वकील के पास तक पहुंच गई।
मैनपुरी जिले के किशनी तहसील की रहने वाली 85 वर्षीय बिट्टन देवी अपने बहू-बेटों से नाराज हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। वृद्ध महिला का कहना है कि उसके तीन बेटे-बहुएं और सात पोते-पोतियां हैं। बहु-बेटे ख्याल नहीं रखते। उन्हें खाना नहीं देते। उनका गुजारा मोदी की वृद्धावस्था पेंशन से चलता है। बिट्टन देवी का कहना है कि उनकी पेंशन घर पहुंच जाती है। वह पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से खुश हैं। उनके काम को पसंद करती हैं, इसलिए अपनी 12 बीघा जमीन पीएम मोदी के नाम करना चाहती हैं।
जब वकीलों ने वृद्ध महिला की दलील सुनी तो चौंक गई। उन्होंने महिला को समझाया कि वह इस बारे में एसडीएम से बात करेंगे। फिलहाल आप घर चले जाओ। इसके बाद महिला चली तो गईं लेकिन फिर आने की बात कह गई हैं। वृद्ध महिला के पीएम मोदी से इस तरह प्रभावित होना और अपनी जमीन का बैनामा उनके नाम पर लिखने के लिए वकील के पास पहुंचना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
देखिये क्या कहना है बिट्टन देवी का मोदी के बारे में…
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