किसी भी देश-प्रदेश के विकास में सड़कों और राजमार्गों की भूमिका अहम होती है। किसी भी राज्य के सुदूर क्षेत्रों या पिछड़े क्षेत्रों में सड़कें पहुंचाकर या पहले से पहुंचे मार्गों को सुधारकर उन्हें प्रगति का भागीदार बनाया जा सकता है। यही वजह है कि उत्तराखंड में सड़कों के निर्माण की दिशा में जबरदस्त काम हो रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में यही सड़कें विकास की वाहक बनेंगी।
- प्रमोद रावत
अब पहुंची हो सड़क तुम गांव, जब पूरा गांव शहर जा चुका है
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले कवि महेश चंद्र पुनेठा ने ये कविता उस दौर में लिखी जब सड़कों के अभाव में विकास सूदुर गांवों तक नहीं पहुंच पाया और लोग बेहतरी की तलाश में पलायन करते चले गए। उत्तराखंड के गांवों से पलायन के पीछे एक बड़ी वजह उनका सड़कों से जुड़ा न होना भी रहा। सड़कों के अभाव में गांवों में न तो मूलभूत सुविधाएं पहुंच पाई और न ही रोजगार के अवसर बन पाए। किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली सीढ़ी सड़क ही होती है। आने-जाने की सुविधा हो तो तरक्की और खुशहाली के रास्ते खुद-ब-खुद खुलते जाते हैं।
यही वजह रही कि उत्तराखंड में सड़कों के निर्माण की दिशा में जबरदस्त काम हो रहा है। मौजूदा त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर खास ध्यान केंद्रित किया और इसके सार्थक परिणाम सामने आए। पिछले साढ़े तीन साल में लोकनिर्माण विभाग ने राज्य में सड़कों का जाल बिछाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नव निर्माण की तुलना की जाए तो 17 साल के विकास कार्यों के मुकाबले त्रिवेंद्र सरकार ने साढ़े तीन साल में 66 प्रतिशत से अधिक काम किया है। पुनर्निर्माण में भी 66 प्रतिशत से अधिक काम हुए हैं। पुलों के निर्माण में त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने पूर्व की सरकारों के मुकाबले 71 फीसदी अधिक काम किया है। पीमएजीएसवाई में सड़कों के लिए केंद्र स्तर पर पैरवी करने के साथ ही टेंडरिंग, डीपीआर, स्वीकृति जैसे मसलों पर तेजी से कदम बढ़ाए गए। साथ ही वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मसलों का गंभीरता से निराकरण कराया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 751 कार्यों की घोषणा की थी, जिनमें से 602 घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। अन्य पर काम तेज रफ्तार से चल रहा है। 2021 के कुंभ मेले में 104.40 करोड़ रुपये के कार्य, जिन्हें दिसंबर 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
ऑल वेदर रोड का निर्माण
उत्तराखंड में प्रस्तावित 889 किमी लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण परियोजना की अनुमानित लागत 11700 करोड़ धनराशि की स्वीकृत की गई है। 540 किमी. चौड़ीकरण और 360 किमी में सतह लेपन स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस समय स्वीकृत गतिमान लम्बाई 545 किमी. में से कई कार्य प्रगति पर हैं।
सेतु भारतम योजना
इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 एवं 121 काशीपुर शहर में 2 आरओबी के निर्माण को मंजूरी मिली है। इसके लिए 56.76 करोड़ एवं 78.52 रुपये करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है।
800 किलोमीटर डबल लेन
राज्य की सिंगल लेन सड़कों को डबल लेन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में आठ सौ किमी सड़कों को डबल लेन करने की योजना है। लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव के अनुसार पहले चरण में 500 किमी के करीब राष्ट्रीय राजमार्गों को डबल लेन बनाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर का काम शुरू कर दिया गया है। केंद्र की मंजूरी मिलते ही चौड़ीकरण पर काम शुरू कर दिया जाएगा। सरकार राज्य के अधीन आने वाले प्रमुख स्टेट हाईवे और जिला मार्गों की सूरत बदलने की भी योजना है। इसके लिए तकरीबन तीन सौ किमी सड़कों को डबल लेन किया जा रहा है। इसमें से 234 किमी सड़क टिहरी झील के चारों ओर की है। स्टेट सेक्टर के बजट से इन सड़कों को डबल लेन किया जाएगा।
टिहरी झील के किनारे रिंग रोड
सरकार ने टिहरी बांध के चारों ओर मौजूदा सड़कों को जोड़कर रिंगरोड बनाने और फिर उसे डबल लेन करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया है। इसके पहले चरण में 234 किमी सड़कों को डबल लेन किया जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 152 करोड़ स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)