कोटा में फंसे सैकड़ों छात्र सही-सलामत उत्तराखंड पहुंच गए हैं। उनके माता-पिता प्रदेश सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी धन्यवाद दे रहे हैं। यूपी की बसों से ही इन्हें भी कोटा से लाया गया है। आपको बता दें कि पिता के वेंटिलेटर पर होने के बाद भी सीएम योगी उन्हें देखने न जा सके, पर कोटा मामले और कोरोना संकट पर लगातार नजर रख रहे थे।
राजस्थान के कोटा शहर पढ़ने के लिए गए छात्र और छात्राएं लाकडॉउन के चलते वहां फंसे हुए थे। बच्चों की परेशानी और अभिभावकों की चिंता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 बसें कोटा भेजीं और बच्चों को सकुशल घर पहुंचाया गया। खास बात यह है कि यूपी सरकार की तरफ से भेजी गई 16 बसों से उत्तराखंड के भी 411 बच्चों को लाया गया। इनमें 145 बच्चे गढ़वाल मंडल और 262 बच्चे कुमाऊं मंडल के हैं। उत्तराखंड के लोग सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रयासों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते हुए बच्चों को कोटा से उनके घर पहुंचाए जाने के दौरान चिकित्सा सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती गई। उत्तराखंड में कोटा से लाए गए बच्चों को पहले ऋषिकेश लाया गया। यहां स्क्रीनिंग के बाद देहरादून के 45 और हरिद्वार के 64 बच्चों को सोमवार शाम उनके घर पहुंचा दिया गया। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को मंगलवार सुबह रवाना किया गया। इससे पहले रात में प्रशासन ने बच्चों को जयराम आश्रम में ठहराया था।
हल्द्वानी पहुंचे कोटा से लाए गए छात्र।
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उत्तराखंड के अभिभावकों ने प्रदेश के सपूत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी शुक्रिया अदा किया है। गौरतलब है कि देश के अलग-अलग राज्यों के हजारों बच्चे कोटा में फंसे हुए थे। यूपी सरकार ने हालात का संज्ञान लेते हुए रोडवेज बसें रवाना की। इस दौरान उत्तराखंड के अभिभावक भी लगातार सरकार से बच्चों को वापस लाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में त्रिवेंद्र सरकार के प्रयासों से कोटा से यूपी की बसों में प्रदेश के बच्चों की वापसी भी संभव हुई।
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कोटा से बच्चों को मथुरा लाया गया और वहां से यूपी रोडवेज की बसों में सोमवार को उत्तराखंड के लिए रवाना किया गया। ट्रांसफर प्वाइंट पर निगम की 25-25 बसें तैयार रखी गई थीं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तैयार थी जिसने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
इन सभी को अब अगले 14 दिनों तक घर पर ही क्वारंटीन रहना होगा। छात्रों ने कहा है कि वे अपने घर सुरक्षित पहुंच गए हैं और सरकार के दिशानिर्देशों के तहत क्वारंटीन रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना सहयोग करेंगे।
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