गैरसैंण स्थित विधानसभा में एक मार्च से होने जा रहे बजट सत्र में प्रदेश सरकार करीब 57 हजार करोड़ रुपये का बजट रखेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में बजट प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इसके अलावा लोगों को राहत देने वाले कई फैसले लिए गए।
उत्तराखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट ने लोगों को राहत देते हुए फैसला किया है कि जिन आवासीय और गैरआवासीय भवनों के नक्शे नहीं हैं, उन्हें राज्य सरकार की एकमुश्त समाधान योजना यानी वन टाइम सेटलमेंट के तहत वैध कराया जा सकेगा। बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आवास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बताया जा रहा है कि आवासीय और गैरआवासीय भवनों- जिनमें एकल आवास, दुकानें, कार्यालय, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, चाइल्ड केयर, नर्सिंग स्कूल, प्ले ग्रुप स्कूल आदि को इस योजना के तहत निर्धारित शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा।
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हालांकि अब घर में दुकान बनाने वालों को आवासीय नक्शे के आधार पर यह फायदा नहीं मिलेगा। एक बार समाधान योजना के तहत सरकार ने फैसला किया है कि घर का नक्शा आवासीय और दुकान का नक्शा बतौर व्यावसायिक कंपाउंड कराना होगा।
शुल्क भी जान लीजिए
रिपोर्ट के मुताबिक पर्वतीय क्षेत्रों में आवास के लिए 2500 रुपये, मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार रुपये आवेदन शुल्क तय किया गया है। गैरआवासीय में पर्वतीय क्षेत्रों के पांच हजार और मैदानी क्षेत्रों के 10 हजार रुपये शुल्क रखा गया है।
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गौर करने वाली बात यह है कि एक बार समाधान हो जाने के बाद सैटेलाइट से निगरानी की जाएगी और उसके बाद कहीं अवैध निर्माण पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
कुल 24 प्रस्तावों को मंजूरी
त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में कुल 24 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। एक अन्य अहम फैसले में प्रदेश की महिलाएं अब पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार होंगी। इसके साथ-साथ परित्यक्त और संतानहीन बेटियों को भी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। कैबिनेट ने उत्तराखंड उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन अध्यादेश 2021 को मंजूरी दी है। यह अध्यादेश विधेयक के रूप में विधानसभा में सत्र के दौरान आएगा।
बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर
उत्तराखंड के छह लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। विलंब शुल्क में तीन माह की छूट मिलेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक घरेलू, वाणिज्य, छोटे उद्योग और निजी नलकूप के बिजली उपभोक्ताओं को इससे फायदा होने वाला है। सरकार का मानना है कि इससे बिजली बिलों का बकाए भुगतान में तेजी आएगी। कैबिनेट ने होटल और रेस्टोरेंट और ढाबों की तरह धर्मशालाओं और सिनेमा हाल को भी तीन माह के फिक्स्ड चार्ज से छूट प्रदान की है।
कुंभ में भी राहत
कुंभ मेला क्षेत्र में गेस्ट हाउस, धर्मशाला, वेलनेस सेंटर, आश्रम के मानकों में न्यूनतम भूखंड क्षेत्रफल और मार्ग चौड़ाई के मामले में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
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त्रिवेंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला, महिलाएं अब पति की पैतृक संपत्ति में होंगी सह खातेदार - Hill-Mail | हि
February 18, 2021, 11:20 am[…] […]
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