उत्तराखंड सरकार इस समय कृषि और उससे जुड़े अन्य सेक्टरों को खासी तवज्जो दे रही है, इसमें अनुभवी ओम प्रकाश की भूमिका काफी अहम है। इसका एक प्रमुख कारण उनकी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के साथ अच्छी ट्यूनिंग भी है। जब इससे पहले की भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र सिंह कृषि मंत्री थे, तब ओम प्रकाश कृषि थे सचिव। इसके बाद उन्होंने अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री का दायित्व भी देखा, इसलिए वह सीएम की कार्यशैली से परिचित हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में राज्य में कई परियोजनाओं का काम तेजी से पूरा हुआ है।
फिजिक्स के छात्र रहे ओम प्रकाश ने जब 31 जुलाई को उत्तराखंड के 16वें मुख्य सचिव का पद्भार संभाला था तो उन्हें लेकर कई तरह की धारणाएं थीं, बहुत कम समय में उन्होंने अपनी छवि को लेकर बने हर पूर्वाग्रह को तोड़ा है। राज्य की आर्थिक, भौगौलिक और राजनैतिक स्थितियों पर अच्छी पकड़ रखने वाले ओम प्रकाश को अब टॉस्क मास्टर प्रशासनिक मुखिया के तौर पर देखा जा रहा है। पद्भार संभालने के साथ ही उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी थीं। अधिकारियों को दो टूक संदेश दे दिया था कि राज्य में केंद्र की निगरानी वाले और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्टों के क्रियान्वयन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम रेल प्रोजेक्ट भी उत्तराखंड के लिए अहम हैं। वहीं बदरीनाथ में मास्टर प्लान के मुताबिक होने वाले निर्माण पर भी पीएमओ की सीधी नजर रहने वाली है। ओम प्रकाश की अगुवाई में ही पीएम मोदी को बदरीनाथ के मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया गया था। इससे पहले उन्होंने केदारनाथ जाकर वहां चल रहे निर्माण कार्यों का जमीना जायजा भी लिया था। प्रधानमंत्री साफ कर चुके हैं कि बदरीनाथ को मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए, लेकिन हर हाल में इसका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। अब प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुरूप बदरीनाथ में होने वाले निर्माण कार्यों के संचालन की अहम जिम्मेदारी मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ही है।
इसके अलावा, ओम प्रकाश पर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा को मूर्त रूप देने, रिवर्स पलायन को लेकर किए जा रहे प्रयासों को नतीजों में बदलने, राज्य में बसावट और रोजगार की दिशा में ठोस नीति तैयार करने, ई-ऑफिस की परिकल्पना को पूरी तरह साकार करने और चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की भी जिम्मेदारी है। कोरोना संक्रमण के चलते लौटे युवाओं तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि उन्होंने लगातार समीक्षा बैठकों के जरिये यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इसमें प्रशासनिक स्तर पर कोई देरी न हो। ओम प्रकाश ने संबंधित अधिकारियों और जिलाधिकारियों को स्पष्ट आदेश दे रखा है कि स्वरोजगार योजना पर अतिरिक्त गति से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने, आय के संसाधनों में बढ़ोतरी के विकल्प तलाशने की दिशा में भी उन्होंने कई अहम फैसले लिए हैं। उत्तराखंड सरकार इस समय कृषि और उससे जुड़े अन्य सेक्टरों को खासी तवज्जो दे रही है, इसमें अनुभवी ओम प्रकाश की भूमिका काफी अहम है। इसका एक प्रमुख कारण उनकी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के साथ अच्छी ट्यूनिंग भी है। जब इससे पहले की भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र सिंह कृषि मंत्री थे, तब ओम प्रकाश कृषि थे सचिव। इसके बाद उन्होंने अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री का दायित्व भी देखा, इसलिए वह सीएम की कार्यशैली से परिचित हैं। यही वजह है कि पिछले दो महीने में राज्य में कई परियोजनाओं का काम तेजी से पूरा हुआ है।
ओम प्रकाश को तेज तर्रार, जल्दी फैसला लेना वाला और फाइलों को होल्ड नहीं करने वाला अधिकारी माना जाता है। मई 1962 को बिहार में जन्मे ओम प्रकाश फिजिक्स में एमफिल हैं। 1987 बैच के आईएएस अफसर ओम प्रकाश को उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित हुआ था। वह मऊ, हाथरस, बांदा, गाजीपुर में जिलाधिकारी रहे। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद उन्हें उत्तराखंड कैडर एलॉट हुआ। वह राज्य में कई अहम पदों पर रहे और चीफ सेक्रेटरी बनने से पहले अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर थे। पिछली भाजपा सरकार के दौरान जब त्रिवेंद्र सिंह रावत कृषि मंत्री थे, उस वक्त ओम प्रकाश राज्य के कृषि सचिव के पद थे। त्रिवेंद्र सिंह के सीएम बनने के बाद उन्हें अहम पदों पर नियुक्त किया गया। उत्तराखंड सरकार इस समय कृषि और उससे जुड़े विषयों को खासी तवज्जो दे रही है, इसमें अनुभवी ओम प्रकाश की भूमिका काफी अहम है।
महाकुंभ के लिए कसी कमर
हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के साये में साल 2021 में होने वाले महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस रखी है। ओम प्रकाश लगातार समीक्षा बैठकों से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी काम समय पर पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने साफ कर दिया है कि काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए। मुख्य सचिव ने कोविड-19 के चलते हरिद्वार में विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ ही चिकित्सकों एवं अन्य आवश्यक स्टाफ की तैनाती समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
स्टार्टअप बढ़ाने पर फोकस
ओम प्रकाश का फोकस राज्य में स्टार्टअप पर है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ‘लोकल मार्केट पर फोकस करने वाले स्टार्ट-अप की पहचान कर उन्होंने प्राथमिकता दें। सभी स्टार्ट-अप को जरूरी वित्तीय सहयोग देने के साथ ही कृषि, हर्बल, स्वास्थ्य, टूरिज्म जैसे सेक्टरों में स्टार्ट-अप को ज्यादा फोकस करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि जिन इक्यूबेटर्स को मान्यता दी जा रही है वे सभी निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से क्रियान्वित होने चाहिए।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए रिफॉर्म
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित रिफॉर्म्स को निर्धारित समय में पूरा करें। इसके लिए ठोस एक्शन प्लान तैयार किया जाए। इसके अनुसार होने वाली प्रगति की लगातार समीक्षा की जाए। उन्होंने हर जिले में फॉरेस्ट लैंड सेटलमेंट ऑफिसर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे फॉरेस्ट लैंड के मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी। उन्होंने रजिस्ट्री के बाद होने वाले म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को इसमें तेजी लाने को कहा है।
ई-ऑफिस को खास तवज्जो
विभागीय कार्यों में पारदर्शिता के लिए ई-ऑफिस की पहल पर मुख्य सचिव का खास जोर है। वह सचिवालय में ई-ऑफिस के माध्यम से पत्रावलियों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा करते रहते हैं। उनका अधिकारियों को साफ कहना है कि ई-ऑफिस के माध्यम से काम करने में पारदर्शिता, पत्रावलियों का जल्दी से निपटान, पेपरलेस तथा सुगम कार्यप्रणाली, प्रभावी पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण, पत्रावलियों को लंबित रखने की प्रवृत्ति खत्म करने में मदद मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग ई-ऑफिस में आ रही समस्याओं से सचिवालय प्रशासन विभाग, राज्य सूचना विज्ञान केंद्र एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, आईटीडीए को अवगत करा दें, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
कोरोना कंट्रोल के लिए लगातार मॉनिटरिंग
उत्तराखंड में अब कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि त्यौहारी सीजन को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को ऐहतियात बरतने का सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि जागरुकता के साथ-साथ लोगों से कोविड19 के लिए जारी की गई एसओपी का सख्ती से पालन कराया जाना जरूरी है। राज्य में शुरुआती दौर के बाद कोरोना ने रफ्तार पकड़ी तो खुद मुख्य सचिव ने मोर्चा संभाला और अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठकें कीं। यही वजह है कि प्रशासनिक मुखिया की अगुवाई में कोरोना संक्रमण को फिर नियंत्रण में लाने की दिशा में तेजी से काम हुआ।
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