सीएम धामी ने मसूरी स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी (ITBP) एकेडमी में बल के 42 सहायक सेनानी (जीडी) एवं 11 सहायक सेनानी (अभियंता) की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने सभी 53 प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें आईटीबीपी जैसे उत्कृष्ट बल में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में आपदा के दौरान सहायता के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का आभार जताया है। सीएम धामी ने कहा कि बल द्वारा आपदा प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। ITBP के हिमवीरों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को बेहद तत्परता एवं कुशलता के साथ किया है। 2013 की केदारनाथ आपदा तथा 2021 में तपोवन आपदा के समय आईटीबीपी द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों से जानमाल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सका। इस बल द्वारा हमारे राज्य में कैलाश मानसरोवर यात्रा, चार धाम यात्रा तथा राज्य के सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्रों में यात्रियों एवं आम जनमानस को सुरक्षा एवं मेडिकल कवर प्रदान करवाने की जिम्मेदारी को लगातार कई वर्षों से सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य की समस्त जनता की ओर से ITBP कर्मियों का इस अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
सीएम धामी ने मसूरी स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी (ITBP) एकेडमी में बल के 42 सहायक सेनानी (जीडी) एवं 11 सहायक सेनानी (अभियंता) की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने सभी 53 प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें आईटीबीपी जैसे उत्कृष्ट बल में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। जिसके हिमवीर लद्दाख के कराकोरम पास से अरुणाचल प्रदेश के जेचप ला तक 3488 किमी की अति दुर्गम सीमा की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहे हैं।
सीएम धामी ने कहा कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने बल के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं।
‘ये देश चैन से सोता है, वो पहरे पर जब होता है,
जो आंख उठाता है दुश्मन तो अपनी जान वो खोता है,
उनकी वजह से आज सुरक्षित ये सारी आवाम है,
सरहद पर खड़े रखवालों को दिल से मेरा सलाम है।’
ITBP के हिमवीरों का सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक पूर्व सैनिक के पुत्र हैं और इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘वीर भोग्या वसुंधरा।’ हमारे आईटीबीपी के हिमवीर हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा, अपने ध्येय वाक्य ‘शौर्य, दृढ़ता, कर्म निष्ठा’ के साथ करते है। हिमालय में माउंटेन क्लाइमबिंग हो या रिवर राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल-कूद या फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों का आयोजन, प्रत्येक क्षेत्र में इस बल ने न केवल अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि अन्य बलों के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किए हैं।
महसूस किया है सैनिकों के परिजनों के दर्द को
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सैनिकों की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है पर उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है। उस मां-बाप का दर्द देखा है जिसका बेटा सीमा पर देश की आन, बान शान के लिए लड़ रहा है। उस पत्नी के आंखों की विकलता देखी है जो पति के आने की बाट जोहते-जोहते कब बूढ़ी और बीमार हो जाती है पता ही नहीं चलता। उन बच्चों की सिसकती हुई किलकारियों को सुना है जो अपने पिता से गले मिलने को व्याकुल हों। कितना संघर्ष है एक सैनिक के जीवन में परंतु इसके बावजूद भी वो दृढ़तापूर्वक अपने देश के स्वाभिमान को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि प्रशिक्षणार्थी अधिकारी पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे और हमेशा अपने मातहतों के कल्याण को ध्यान में रखेंगे। एक कुशल और योग्य लीडर के रूप में अपने आपको साबित करेंगे। मुख्यमंत्री ने अकादमी के प्रशिक्षण स्टाफ को भी उत्कृष्ठ स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इसी प्रकार का बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान करते रहेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, ITBP के महानिदेशक सुरजीत सिंह देसवाल, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजी अभिनव कुमार, दलजीत सिंह चौधरी, मनोज रावत एडीजी आईटीबीपी, निलाभ किशोर, ( IPS) महानिरीक्षक/निदेशक, ITBP Academy, सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।
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