पिछले दिनों उत्तराखंड में हुए बड़े सियासी उलटफेर के बाद आज विधिवत रूप से नए मुख्यमंत्री ने अपना कार्यभार संभाल लिया। हालांकि वह शपथ लेने के बाद पिछले दो-तीन दिनों से सेवा कार्य में जुटे हुए थे। उन्होंने हरिद्वार जाकर मेले में तैयारियों की समीक्षा की। कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे तो उन्होंने संसद की सीढ़ियों पर मत्था टेका था। यह उनका अपने कार्यक्षेत्र के प्रति समर्पण भाव दिखाता है। मीडिया में तब कहा गया था कि किसी सांसद ने पहली बार इस तरह से संसद में प्रवेश किया। देश ही नहीं, पूरी दुनिया में वह तस्वीर वायरल हुई। आज उत्तराखंड में भी नए सीएम तीरथ सिंह रावत जब अपना कार्यभार संभाल रहे थे तो उन्होंने भी अपने कार्यालय को प्रणाम किया।
जी हां, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बनने के बाद आज पहली बार सचिवालय पहुंचे तीरथ सिहं रावत ने अपने कक्ष में पूजा की और इसके बाद अपनी सीट पर बैठने से पूर्व उसे झुककर प्रणाम किया।
सीएम वैसे तो शपथ पहले ही ले चुके हैं पर आज उन्होंने विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने तस्वीरें शेयर कर बताया कि सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पूजा अर्चना के बाद आज मैंने विधिवत रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सूत्र वाक्य पर आगे बढ़ेगी और जनभावनाओं का सम्मान किया जाएगा।
सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पूजा अर्चना के बाद आज मैंने विधिवत रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सूत्र वाक्य पर आगे बढ़ेगी व जनभावनाओं का सम्मान किया जाएगा। pic.twitter.com/N4mNIHzsT7
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) March 14, 2021
उन्होंने अपने कार्यालय को प्रणाम किया। पूजा-पाठ करने के बाद हवन किया और प्रदेश की जनता के सुख-कल्याण की कामना की। इस दौरान सीएम ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हवन किया। सीएम ने औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभाल लिया है।
इससे पहले उन्होंने अपने आवास पर बच्चों के साथ प्रकृति का आभार प्रकट करने वाले लोकपर्व “फूलदेई” त्योहार मनाया। उन्होंने लिखा कि वसंत ऋतु का यह पावन पर्व हम सबके जीवन में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली लाए ऐसी ईश्वर से मंगल कामना करता हूं।
सीएम ने प्रदेश की जनता को फूलदेई त्योहार की बधाई देते हुए लिखा-
‘फूल देई, छम्मा देई, देणी द्वार, भर भकार,
ये देली स बारम्बार नमस्कार, फूले द्वार……
फूल देई-छ्म्मा देई।’
लोक पर्व फूलदेई मानव एवं प्रकृति के पारस्परिक संबंधों का पर्व है। नए साल का, नई ऋतुओं का, नए फूलों के आने का संदेश लाने वाला ये त्योहार जीवन में नवीनता का संदेश देता है।
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