ई-रैबार: विशेषज्ञों के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का संवाद, बोले- फंसे लोग घबराएं नहीं सबको लाएंगे

ई-रैबार: विशेषज्ञों के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का संवाद, बोले- फंसे लोग घबराएं नहीं सबको लाएंगे

कोरोना संकट के चलते उत्तराखंड की तरफ तेजी से प्रवासियों का आना जारी है। ई-रैबार की लाइव चर्चा में जुड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फंसे हुए उत्तराखंडियों को आश्वस्त किया है कि वे घबराएं नहीं, सबको लाएंगे। उन्होंने हर विशेषज्ञ के सुझावों को गंभीरता से सुना और बताया कि फिलहाल हमारा फोकस अपनी ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने पर है।

हिल-मेल की पहल ‘ई-रैबार’ में अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों के साथ उत्तराखंड के उत्थान पर चर्चा के बाद 9 मई को खुद प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए। कोरोना संक्रमण के चलते घोषित लॉकडाउन से उपजे हालात और उसके बाद की परिस्थितियों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने विशेषज्ञों के सुझावों को सुना और कहा कि इस समय प्रवासियों की सुरक्षित वापसी, प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर सरकार का फोकस है।

सीएम ने कहा- हर प्रवासी को लाएंगे, कोई जल्दबाजी न करे

उन्होंने कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों को जनता के सामने रखा। साथ ही देश भर में फंसे उत्तराखंडियों को निकालने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही व्यापक मुहिम की जानकारी दी। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रवासी को लाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी जल्दबाजी न करे। हम लोगों को हर तरह से मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

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उन्होंने लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड लौटने वाले प्रवासियों को रोजगार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों का रोडमैप भी सामने रखा। सोशल मीडिया के मंच से हुए इस संवाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों और अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों के विचारों को भी सुना।

प्रसून जोशी समेत अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ

इस चर्चा में उनके साथ इंडिया के पूर्व सीएमडी और रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अश्विनी लोहानी, गीतकार एवं सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी (prasoon joshi), मेडिकल सर्विसेज (वायुसेना) के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला, एनटीआरओ और रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी, राष्ट्रीय बीज निगम के सीएमडी विनोद कुमार गौड़, एनडीआरआई करनाल के निदेशक और प्रख्यात पशु विज्ञानी डा. मनमोहन सिंह चौहान, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व एचआर निदेशक वीएम चमोला, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के चेयरमैन के तकनीकी सलाहकार संजीव जोशी, एफटीआईआई के निदेशक भूपेंद्र कैंथोला शामिल हुए।

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प्रवासियों को लाना है पर…

इस दौरान, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, आईटी, निवेश, पर्यटन और फिल्म सेक्टर पर विशेष चर्चा हुई। आलोक जोशी ने जहां कार्यप्रणाली में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने का सुझाव दिया, वहीं एयर इंडिया के पूर्व सीएमडी अश्विनी लोहानी ने कहा कि हमें पर्यटन के क्षेत्र में ज्यादा काम करना होगा। लॉकडाउन के बाद सबसे पहले धार्मिक पर्यटन सेक्टर में तेजी आएगी। हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। मेडिकल सर्विसेज (वायुसेना) के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला ने कहा कि हमें अपने लोगों को लाना तो है, लेकिन पूरी सतर्कता बरतनी होगी। किसी भी हाल में संक्रमण को पहाड़ों पर नहीं पहुंचने देने का प्रयास करना है।

‘चीन से आ रही कंपनियों को उत्तराखंड में लाएं’

चर्चा में इंडिया फाउंडेशन के शौर्य डोभाल ने कहा कि हमें चीन से भारत में शिफ्ट हो रही कंपनियों को उत्तराखंड में लाने की दिशा में काम करना चाहिए। राष्ट्रीय बीज निगम के सीएमडी विनोद गौड़ ने मनरेगा का इस्तेमाल खेती को जंगली जानवरों के बचाने में किस तरह किया जा सकता है, उसका सुझाव दिया, वहीं पशु विज्ञानी और एनडीआरआई के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान ने पशुपालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुझाव रखे। उन्होंने कहा कि वह राज्य के युवाओं को इसके लिए करनाल में निशुल्क प्रशिक्षण कराने की व्यवस्था करेंगे।

गांव के बच्चों को दें अंग्रेजी शिक्षा….

फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे के निदेशक भूपेंद्र कैंथोला ने फिल्म निर्माण की तकनीकी शिक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने का सुझाव दिया। वहीं उन्होंने कहा कि हमें गांव के बच्चों की अंग्रेजी शिक्षा पर जोर देना चाहिए। डीआरडीओ के संजीव जोशी ने भी तकनीक पर जोर बढ़ाने का सुझाव दिया। एचएएल के पूर्व निदेशक एचआर वीके चमोला ने भी कहा कि आईटी सेक्टर में राज्य में काफी कुछ किया जा सकता है।

CM ने कहा, लोगों में डिप्रेशन बढ़ा पर टेंशन न लें

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (uttarakhand cm trivendra singh rawat) ने कहा कि लॉकडाउन के दृष्टिगत उत्तराखंड के प्रवासी लोग काफी प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के लोग देश के कोने-कोने में अच्छी नौकरी में है। सबसे ज्यादा प्रभावित हॉस्पिटैलिटी का क्षेत्र हुआ है। उस क्षेत्र में कई लोग ऐसे हैं, जो होटलों में ही रहते हैं, होटलों द्वारा ही उनका खाना हो पाता है, राज्य सरकार उनको दो वक्त का खाना तो मुहैया करा रही है परंतु वही काफी नहीं होता, उनमें डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है, उन्हें घर आने की जल्दी हो रही है। अतः यह डर भी है कि कहीं कोई गलत कदम न उठाये। इसलिए हमने फैसला लिया है कि हम सबको सतर्कता के साथ एवं मेडिकल शर्तों को पूरा करते हुए उनके घर वापस लाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में पर्याप्त क्षमता है। हरिद्वार शहर में प्रतिदिन हम काफी लोगों को ठीक तरह से मेडिकल चेक करके उनको घर तक पहुंचा सकते हैं। रहने की कोई दिक्कत नहीं है, हमारे पास कई धर्मशालाएं हैं। बड़े-बड़े होटल हैं जिनको राज्य सरकार ने कोविड के तहत एक्वायर किया हुआ है। अगर कोई अपने खर्चे से भी रहना चाहता है तो उसके लिए भी हमने अलग से व्यवस्था की हुई है। इसकी तरह हल्द्वानी एवं उधम सिंह नगर हैं, जहां हमारे पास पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। हम यह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जितने लोगों को भी हम लाएं उनका ठीक तरीके से मेडिकल चेक अप करने के पश्चात ही उनको उनके घरों तक भेजें।

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आज 11 जिलों में वेंटिलेटर की सुविधा

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में आईसीयू एवं वेंटीलेटर की कमी थी परंतु आज हमारे 11 जिलों में आईसीयू उपलब्ध हैं, वेंटिलेटर हो गए हैं और अगले सप्ताह तक जो हमारे दो जनपद रह गए हैं वहां वेंटिलेटर व आईसीयू भी उपलब्ध हो जाएंगे। कोविड-19 हेतु हमने अलग से अस्पताल चिन्हित किए हुए हैं। हम यह भी जानते हैं कि अभी लाखों प्रवासी लोगों ने उत्तराखंड आना है। उनमें से कई लोग इनफेक्टेड हो सकते हैं, उनके लिए अभी से हम तैयारी कर रहे हैं।

प्रदेश में अब तक किसी को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी

कोरोना संकट को लेकर CM ने कहा कि अभी तक हमारे राज्य में कहीं भी वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी है, लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि अगर आवश्यकता पड़े तो हम पूरी व्यवस्था के साथ तैयार हैं। हमारे पास सारी व्यवस्थाएं हैं इसी वजह से हमने यह निर्णय लिया है कि हम अपने प्रवासी भाइयों एवं बहनों को वापस लाएंगे, क्योंकि हम अपने लोगों को सड़कों पर नहीं छोड़ सकते। हमने अपने ग्राम प्रधानों को विशेष अधिकार दिए है।

उन्होंने साफ कहा कि गांव में अगर यदि कोई उनकी बात नहीं मानता है जिनको क्वारंटीन किया गया है तो आपदा प्रबंधन के तहत उसके विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है। गांव में अगर किसी के पास खाने की व्यवस्था नहीं है तो हमने प्रधान को यह अधिकार दिया है कि वह इसकी व्यवस्था करें जिसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हमने सब का ख्याल रखा है। हम देवभूमि के लोग है हम यह चाहते हैं कि यहां कोई तकलीफ से ना रहे। राज्य सरकार से जो भी मदद होगी वह हम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा एवं वरिष्ठ पत्रकार मनजीत सिंह नेगी ने किया।

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