डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज है तथा 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड एवं 25 मीटर स्टील गार्टर चांटी साइड है। यह पुल भारत, दक्षिण कोरिया और चीन के इंजीनियरों के हुनर की देन है। देखने से ही लगता है कि इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारना आसान काम नहीं था। पुल के टावर की ऊंचाई कुतुबमीनार से महज 34 फीट कम है।
उत्तराखंड के टिहरी जिले के तीन लाख से ज्यादा लोगों को त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले एक ऐसी धरोहर सौंपी, जिसका इंतजार 14 साल से किया जा रहा था। टिहरी के प्रतापनगर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा झूला पुल डोबरा-चांठी जनता के लिए खोल दिया गया है। विशाल टिहरी झील के ऊपर 440 मीटर लंबे इंजीनियरिंग के इस शाहकार का विहंगम नजारा देखते ही बनता है।
हालांकि डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज है तथा 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड एवं 25 मीटर स्टील गार्टर चांटी साइड है। यह पुल भारत, दक्षिण कोरिया और चीन के इंजीनियरों के हुनर की देन है। देखने से ही लगता है कि इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारना आसान काम नहीं था। पुल के टावर की ऊंचाई कुतुबमीनार से महज 34 फीट कम है। इतनी ऊंचाई से इस पुल को बनाने में इंजीनियरों ने अपना समूचा ज्ञान और अनुभव झोंक दिया।
इस पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि 2 करोड़ 95 लाख 92 हजार लागत के 725 मी लंबे इस भारी वाहन झूला पुल की क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार में थे। पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब आवागमन सुविधाजनक होने के साथ ही समय की बचत होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 4,73,08,56,000 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया।लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व खेल विभाग से संबंधित है जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजकीय इंटर कालेज मजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाए जाने के लिए एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है। उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है । टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी। इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी। डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, विभिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।
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